उत्तर प्रदेशलखनऊ

उप्र परिवहन विभाग की चार माह में बदली सूरत

  • परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के फैसलों के केन्द्र में रहे यात्री

लखनऊ। उत्तर प्रदेश परिवहन मंत्रालय में बतौर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने सितम्बर से दिसम्बर 2022 तक विभागीय अधिकारियों की समीक्षा की, कुछ दायित्वों में बदलाव किये, आरटीओ कार्यालयों को तकनीकी रूप से आगे बढ़ाया, बसों के संचालन को समयबद्ध कराया और इसके साथ ही चार माह में परिवहन विभाग एवं परिवहन निगम की सूरत बदल दी।

परिवहन विभाग के मंत्री दयाशंकर सिंह ने पांच सितम्बर वर्ष 2022 में बैठक कर एक अप्रैल से 31 अगस्त तक ओवरलोड वाहनों के विरुद्ध चलाये गये अभियान में कार्रवाई के आंकड़े प्रस्तुत किये। इसमें विभाग को हुए करोड़ों रुपये के फायदे के बारे में अवगत कराया गया। दयाशंकर सिंह ने इसके दूसरे दिन ही छह सितम्बर को परिहवन विभाग व निगम के कर्मचारियों की समीक्षा बैठक की थी और कठोरता से निर्देश दिये कि रोडवेज की बसों में डीजल, पेट्रोल व टिकट की चोरी हर हाल में रोकी जाये। ओटीएस योजना में धीमी प्रगति वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

सितम्बर माह में ही 26 तारीख की रात को दयाशंकर सिंह ने बलिया जाते हुए पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर ओवरलोड ट्रकों की स्थिति जांची थी। इस दौरान अमेठी के सम्भागीय परिवहन अधिकारी को ड्यूटी करने की हिदायत दी। इसी तरह दो अक्टूबर को दयाशंकर सिंह अचानक से लखनऊ के मौरम मंडी पर छापेमारी करने गये। वहां पर कर्मियों की लापरवाही पकड़कर उन्हें ड्यूटी में कोताही न बरतने को कहा। परिवहन मंत्री के औचक निरीक्षण की सूचना प्रदेश के अन्य सम्भागीय क्षेत्र में फैलने का असर था कि तमाम अधिकारियों ने ड्यूटी करते हुए अपनी पोस्ट डालनी शुरू कर दी।

दीपावली व छठ पर्व पर परिवहन के तमाम कर्मचारियों में उत्साह से भरते हुए दयाशंकर सिंह ने प्रोत्साहन राशि बांटने की घोषणा की। परिवहन निगम के कर्मचारियों को बकाया महंगाई भत्ता दीपावली के पहले दे दिया गया। इसका असर था कि छुट्टी पर नियमित ढ़ंग से कार्य हुआ और बसों के संचालन में कोई असुविधा सामने नहीं आयी।

बस स्टेशनों पर पहुंचने वाले यात्रियों को पूछताछ केन्द्रों पर कोई व्यक्ति न मिलने की शिकायतें आने के बाद परिवहन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार ने एक नवम्बर से प्रदेश के बस स्टेशनों के बाहर पूछताछ केन्द्र को सुचारु रुप से चलाने के निर्देश दिये थे। इसमें प्रबन्ध निदेशक संजय कुमार को तत्काल ही समस्त आरएम, एआरएम से वार्ता कर लागू करने को भी निर्देशित किया। इसका परिणाम भी सामने आया कि यात्रियों को आजकल खिड़कियों के भीतर परिवहन कर्मी बैठे हुए मिल जा रहे हैं।

नवम्बर माह में लगे कार्तिक मेले को प्राथमिकता में लेते हुए दयाशंकर सिंह ने बसों के संचालन को नियमित व सुविधाजनक कराया था। गंगा स्नान को देखते हुए 1890 अतिरिक्त बसों का संचालन कराया। कार्तिक मेले में आने जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए बसों के समय व रूट पर अधिकारियों से चर्चा की।

वर्ष 2022 के दिसम्बर माह की शुरुआत में प्रवर्तन के कार्यों से हुए लाभ का ब्यौरा प्रस्तुत किया जिसमें विभागीय अधिकारियों की ओर से मिले करोड़ों रुपयों के प्रशमन शुल्क वसूलने के आंकड़े शामिल रहे। दिसम्बर माह में बहराइच की जनता की मांग पर रुपैडिहा बस डिपो का शुभ आरंभ कराया। बीते चार माह पर नजर डाले तो दयाशंकर सिंह ने बसों में आग लगने पर बचाव के लिए कार्यशाला करायी, आईएचआरसी के दो दिवसीय कार्यक्रम कराये, कोहरे की समस्या के मद्देनजर बस चालकों को बसों को ढ़ाबा, पेट्रोल पम्प, टोल प्लाजा जैसी जगहों पर रोकने के निर्देश दिये। ताकि बस चालकों को असुविधा न हो।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्री मंडल में युवा चेहरे के रूप में आये दयाशंकर सिंह ने परिवहन की राह आसान करने का हर सम्भव प्रयास किया है। वर्ष 2023 में बसों में आराम की स्थिति, बसों के टायरों को बदलने की प्रक्रिया, कर्मचारियों का नियमित वेतन, डीजल की निकासी, दुर्घटनामुक्त यात्रा जैसे मुद्दे होंगे, जिस पर कार्य करने की आवश्यकता पड़ेगी।

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