उत्तर प्रदेशलखनऊ

मेदांता अस्पताल: इलाज में अधिक वसूली का वीडियो वायरल

वेंटीलेटर का चार्ज जोड़ने पर मरीज के परिजन भड़के

  • डिस्चार्ज में लगे पांच घंटे लगने पर मरीज के परिजन हुए नाराज

लखनऊ। राजधानी में निजी अस्पतालों के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है। वायरल वीडियों में मरीज के परिजन अस्पताल प्रशासन पर अधिक वसूली के गंभीर आरोप लगाते हुए दिख रहे है। जिसमें वायरल वीडियों में महिला मेदांता अस्पताल पर वेंटीलेटर का चार्ज जोड़ने का आरोप लगाया है। मामला आगरा से रिफर 69 वर्षीय मरीज झुम्मन लाल सुशांत गोल्फ सिटी थाना अंतर्गत के मेदांता अस्पताल का है। जिसमें आगरा से उपचार के लिए मेदांता लाए गए एक मरीज का परिजनों से मरीज को बगैर वेंटीलेटर पर रखे ही बिल में वेंटीलेटर पर रखे जाने का चार्ज वसूली करने पर भड़क गये। साथ ही मरीज के परिजनों ने आरोप लगाया कि हालत में सुधार नहीं होने पर जब डिस्चार्ज करने को कहा तो अस्पताल प्रशासन के कर्मियों ने मरीज का डिस्चार्ज करने में पांच घंटे से अधिक का समय लगा दिया।

काफी जद्दोजहद के बाद परिजन किसी तरह से मरीज को डिस्चार्ज करा पाए। ऐसी स्थिति में मरीज के परिजन काफी नाराज होकर वीडियों बनाकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए मेदांता अस्पताल पर मनमानी का आरोप लगाया है। इन्होंने बोला डिस्चार्ज करने में दो घंटा लग जायेगा। दो घंटे क्यों लगेंगे इस सवाल पर इनका कहना था कि प्रोसेस में इतना समय लग जाता है। वहीं मेदांता अस्पताल निदेशक डॉ.राकेश कपूर का कहना है कि मरीज पूरी बात समझने से पहले ही आरोप लगाना शुरू कर देते हैं। उन्होंने कहा कि मरीज आगरा अस्पताल से रिफर होकर यहां आया था और वह मरीज हार्ट बीमारी से ग्रसित होने चलते उन्हें ‘बायपैप’पर रखा गया था जो वेंटीलेटर  ही है।

डॉ.कपूर ने कहा कि डिस्चार्ज करने में समय लगने का जो प्रोसेस वह तो अस्पताल प्रशासन करेगा ही। मेदांता अस्पताल ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए बताया गया कि पुरूष रोगी झम्मन लाल गोयल 69 वर्षीय को आगरा के सिनर्जी प्लस अस्पताल से यहां रेफर किया गया था। बीते 17 दिसंबर को आईसीयू में इमरजेंसी के माध्यम से भर्ती कराया गया था। रोगी गंभीर हालात होने के चलते लो बीपी से बीमार थे और कार्डियक अरेस्ट था। अस्पताल द्वारा शॉर्ट सीपीआर दिया गया और मरीज को पुनर्जीवित किया गया। इसके बाद मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया।

सभी  देखभाल के बाद मरीज ने अच्छी प्रतिक्रिया दी और वेंटिलेटर हटा दिया गया।  हालाँकि, मरीज को फिर से सांस लेने में कठिनाई होने लगी और श्वसन संबंधी परेशानी को देखते हुए, फिर से वेंटिलेटर पर रखा गया।  लंबे समय तक वेंटिलेशन को देखते हुए ट्रेकियोस्टोमी की गई। रोगी को सेप्सिस के साथ मल्टीपल आॅर्गन फेल्योर शॉक, क्रोनिक किडनी रोग पर तीव्र के साथ क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस, बार-बार होने वाले मूत्र पथ के संक्रमण, क्रोनिक किडनी रोग, टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस, सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया जैसी पुरानी बीमारियों का निदान किया गया था। बकाया राशि का भुगतान करने पर मरीज के परिजन आक्रामक हो गये । किसी तरह मामले को शांत कराया गया।

मरीज के परिजनों ने अभी कोई लिखित रूप से शिकायत नहीं की है ,ऐसी कोई शिकायत मिलती है तो जांच कर कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।

डॉ.एपी सिंह
एसीएमओ लखनऊ  

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