भैंस चोरों का गिरोह पकड़ा तो मीट फैक्ट्री के साथ सरकारी सिस्टम की भी खुल गई पोल

- मारिया फ्रोजन मीट फैक्ट्री में नियम-कायदों की धज्जियां उड़ाकर आननफानन काटी जा रही थीं चोरी की गईं भैंसे
- बरेली भैंस चोरों का गिरोह पकड़ा गया तो मीट फैक्ट्री के साथ सरकारी सिस्टम की भी खुल गई पोल
ख्वाजा एक्सप्रेस संवाददाता
बरेली। जनपद बरेली मे भैंस चोरों का एक गिरोह पकड़ा गया तो मीट फैक्ट्री में चल रहे गोरखधंधे और पशु चिकित्सा समेत कई विभागों की उससे साठगांठ की भी पोल खुल गई। तमाम नियम-कायदों की धज्जियां उड़ाकर इसी मीट फैक्ट्री में अवैध रूप से भैंसे कटवाई जा रही थीं। पुलिस के मुताबिक चोरी की गई भैंसे सिर्फ 30 मिनट के अंदर इस फैक्ट्री में काट दी जाती थीं जबकि तय कानूनी प्रक्रिया के तहत इसमें 10 से 12 घंटे का समय लगता है।
फतेहगंज पूर्वी पुलिस ने बृहस्पतिवार रात भैंस चोरों के गिरोह के तीन सदस्यों को रंगे हाथों पकड़ा। पुलिस के मुताबिक काफी समय से इलाके में पशुओं की चोरी हो रही थी। इसी कारण बृहस्पतिवार रात गश्त पर निकली पुलिस टीम उचसिया रोड से मुरारी कोल्ड स्टोर की तरफ चकरोड तिराहे पर पहुंची तो छह लोगों को एक टेंपो और एक पिकअप के साथ खड़े पाया।
पुलिस को देखकर उन्होंने भागने की कोशिश की तो पीछा कर तीन को दबोच लिया। बाकी तीन भागने में सफल हो गए। पूछताछ करने पर पता चला कि पकड़े गए लोगों के नाम जगतपुर गौटिया चांद मस्जिद निवासी आदिल, पुराना शहर निवासी नफीस और अहलादपुर निवासी आकाश हैं।
भाग निकलने वाले जुनैद, इमरान और लाडला थे। पकड़े गए लोगों से एक भैंस, एक पड्डा, 12 बोर की एक पौनिया, एक कारतूस, एक पिकअप, एक टेंपो बरामद हुआ। इन तीनों पर दो दर्जन से ज्यादा आपराधिक मुकदमे भी हैं। यह गिरोह दिन में रेकी करने के बाद रात को भैंसें चोरी करता था और हाथ के हाथ उन्हें कटवा देता था।
पुलिस के मुताबिक पकड़ा गया नफीस मारिया फ्रोजन मीट फैक्ट्री का कर्मचारी है और वही भैंस चोरों के गिरोह का सरगना भी है। चोरी की गई भैंसों को फैक्ट्री पर लाए जाने के बाद नफीस उन्हें 30 मिनट के अंदर कटवा देता था ताकि अगर पुलिस या भैंस मालिक गिरोह के सदस्यों तक पहुंच भी जाएं तो भैंस बरामद न हो।
पकड़ा गया अभियुक्त आकाश टेंपो चलाता है। वह अपने दोस्त आदिल के कहने पर चोरों को अपने टेंपो से इधर से उधर ले जाता था और उन्हें उनकी बताई जगह पर छोड़ देता था। चोरों के भैंस चोरी करने के बाद उन्हें फिर लेकर आता था। इस काम की एवज में आकाश एक ही रात में करीब पांच हजार रुपये तक कमा लेता था।
पुलिस को आरोपियों ने बताया कि बरेली जिले के शाही, मीरगंज, बहेड़ी, बिलसंडा के अलावा वे पीलीभीत, शाहजहांपुर, बदायूं जिले के अलग-अलग इलाकों से अब तक पांच सौ से भी ज्यादा भैंसें चुराकर मीट फैक्ट्री में कटवा चुके हैं।
आदिल गिरोह को आने-जाने के लिए टेंपो मुहैया कराता था। भैंसे लाने के लिए पिकअप इस्तेमाल की जाती थी जिस पर जुनैद, इमरान और लाडला रहते थे। ये तीनों अपने साथ तमंचा लेकर भी चलते थे।
मीट फैक्ट्री प्रबंधन भी शक के घेरे में नोटिस देगी फतेहगंज पूर्वी पुलिस.
नियम-कायदों का पालन किए बगैर चोरी की गई भैंसों को कटवा दिए जाने के कारण मारिया फ्रोजन मीट फैक्ट्री का प्रबंधन भी शक के घेरे में है। वह खुद नफीस के मुताबिक आमतौर पर जब ठेकेदार भैंसों को लेकर फैक्ट्री पहुंचते हैं तो उनकी नाप-तौल के बाद उन्हें रसीद दी जाती है। इसके बाद प्रक्रिया पूरी होने में 10-12 घंटे का समय लगता है, तभी उनका नंबर आता है। कई बार उन्हें एक-एक दिन पहले से अपना नंबर आने का इंतजार करना पड़ता है। लेकिन वह सिर्फ 30 मिनट में ही भैंसों को कटवा देता था। फतेहगंज पूर्वी थाना प्रभारी मदनमोहन चतुर्वेदी ने बताया कि इस मामले में फैक्ट्री प्रबंधन को भी नोटिस जारी कर बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया जाएगा।
दिसंबर 2022 में फैक्ट्री के मालिक हाजी शकील कुरैशी के कई ठिकानों पर आयकर विभाग की लखनऊ और दिल्ली से आई टीमों ने छापा मारा थाऔर बड़े पैमाने पर दस्तावेज के साथ कंप्यूटरों का रिकॉर्ड कब्जे में लिया था। सील भी किया गया।आयकर विभाग के छापे से करीब एक महीने पहले ही शासन स्तर से जांच कराने के बाद स्लाटर हाउस को सील भी किया गया था। मामला अनुबंध से ज्यादा पशु काटने का था। इस मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष ने स्लाटर हाउस का लाइसेंस निरस्त कर उसे सील करने के निर्देश दिए थे।
किसी भी स्लॉटर हाउस में पशुओं को काटने के लिए करीब 20 नियमों को पूरा करना जरूरी है। ये नियम अलग-अलग विभागों से संबंधित हैं लेकिन साठगांठ के चक्कर में ज्यादातर विभाग यह जिम्मेदारी पूरी नहीं करते।
इनमें से सबसे प्रमुख यह है कि किसी भी पशु को काटने से पहले और बाद में पशु चिकित्सक उसकी जांच करेंगे। इसे एंटी मार्टम और पोस्टमार्टम कहते हैं। जाहिर है कि मीट फैक्ट्री में चोरी की भैंसें यह प्रक्रिया पूरी किए बगैर ही कटवाई जा रही थीं। मीट कारोबारियों की ओर से इन नियमों का पहले से विरोध भी किया जाता रहा है।
अगर नफीस के साथ किसी और की भी साठगांठ पाई गई तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। गिरोह के लोग दिन में रेकी कर रात को भैंसें चुराते थे। गिरोह के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। तथा फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।- मानुष पारीक, एसपी देहात दक्षिणी।