यूपी पुलिस की महिला कांस्टेबल बोली- खाकी की आड़ में छिपे हैं भेड़िये, तमंचा दिखाकर फंसा देते हैं मुकदमे में
रामपुर : थाना खजुरिया में थानेदार की आंखों में मिर्ची पाउडर डालकर पिटाई करने के मामले में आरोपी महिला सिपाही के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की तैयारी है. विवाद स्कूटी को लेकर दो महिला कांस्टेबल के बीच शुरू हुआ था. इस बीच आरोपी महिला सिपाही आरजू ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर दिया है, जिससे पुलिस महकमे में खलबली मची है. इसमें महिला सिपाही ने अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि खाकी की आड़ में ये भेड़िए हैं.
आरोपी महिला सिपाही का कहना है कि उसकी 1 लाख की स्कूटी तोड़ दी गई और जब उसने मुकदमा लिखाने के लिए प्रार्थना पक्ष दिया तो उसकी नहीं सुनी गई. आरोप यह भी लगाया कि थानेदार ने दूसरी महिला कांस्टेबल का पक्ष लिया और रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया. इसी के बाद कक्ष में घुसकर थानेदार की आंखों में मिर्ची झोंकी गई और उनकी डंडे से पिटाई से कर दी गई. इस मामले में आरोपी महिला सिपाही को निलंबित कर दिया गया है. अब विभागीय कार्रवाई की तैयारी है.
इस मामले पर पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने बताया थाना खजुरिया की महिला आरक्षी आरजू का एक दूसरी महिला आरक्षी से स्कूटी के एक्सीडेंट को लेकर विवाद था. इस विवाद का निपटारा हो रहा था लेकिन इसी बीच आरजू ने एसओ के साथ मिस बिहेव किया और उस पर हमलावर हुई. इस अनुशासनहीनता के लिए उसे निलंबित किया गया है और विभागीय कार्रवाई भी की जा रही है.
वीडियो पोस्ट करने पर मची खलबली
महिला सिपाही आरजू ने सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर वीडियो पोस्ट कर पुलिस अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कहा है कि मैं आप सभी को इस प्रशासन का काला सच बता रही हूं. खाकी की आड़ में भेड़िये छिपे हुए हैं. एसओ मुकदमा दर्ज नहीं कर रहा. धमकी दी जाती है कि गलत रिपोर्ट लगाकर सस्पेंड करा देगा. थाने में भी धमकी दी जाती है. 7 दिन हो गए मेरे प्रार्थना पत्र को दिए हुए पर सुनवाई नहीं हुई. मेरी 1 लाख की स्कूटी तोड़ दी. लेकिन मुकदमा नहीं लिख रहे हैं. उच्चाधिकारियों का भी यही हाल है. इनकी एक चेन बनी है. मानसिक रूप से परेशान करते हैं. उलटे मुकदमे में फंसा देते हैं. जब भी कोई इनके खिलाफ बोलता है तो तमंचा दिखाकर मुकदमे में फंसा देते हैं. स्कूटी की डिग्गी में तमंचा दिखा देंगे.
ये घटना मंगलवार सुबह 10 बजे की बताई जा रही है. पहले तो उच्च अधिकारियों ने इस घटना को दबाने की कोशिश की लेकिन जब भनक बाहर लोगों और मीडिया को लगी तब महिला सिपाही को निलंबित किया गया.