कुशीनगर-गोरखपुर रेल परियोजना पर कार्य ठप
कुशीनगर। गोरखपुर-कुशीनगर-पड़रौना रेल पथ परियोजना के निर्माण के लिए संसदीय समिति की संस्तुति भी काम नहीं आई। केंद्र सरकार के अनुमोदन के बाद भी राज्य सरकार का अंश न मिलने के कारण परियोजना का कार्य ठप पड़ा हुआ है। कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का संचालन शुरू हो गया है। यह स्थल पूर्व से फोर लेन से जुड़ा है। ऐसे में लोग औद्योगिक व पर्यटन के सम्पूर्ण विकास के लिए रेल सेवा को जरूरी बता रहे हैं। रेलवे की स्थायी संसदीय समिति की बैठक सात सितंबर 21 को कुशीनगर के एक होटल में पूर्व कृषि मंत्री राधामोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई थी। समिति ने परियोजना पर विचार किया और भारत सरकार को अपनी संस्तुति भेजी।
भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में इस परियोजना को हरी झंडी दिखाई थी। तत्कालीन सांसद राजेश पांडेय ने सरकार से लोकसभा में प्रश्न उठाकर इस अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थली को रेलवे से जोड़ने की आवाज उठाई थी। जिसके बाद सर्वे आदि करा सरदारनगर-कुशीनगर-पड़रौना 65 किमी रेल लाइन के लिए 1476 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया था। भूमि अधिग्रहण को सर्वे किए जाने के लिए मंत्रालय ने एक करोड़ का बजट भी जारी किया था। कुल लागत का लागत का 50 प्रतिशत राज्य को देना है। अंशदान मिलने के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी।
20 अक्टूबर 21 को प्रधानमंत्री के साथ कुशीनगर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों को इस परियोजना का कार्य शुरू होने का भरोसा दिया था। इस संबंध में कुशीनगर के विधायक पी एन पाठक ने बताया कि बुद्धस्थली को रेल परियोजना से जोड़ना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता में है। पर्यटन व उद्योगों के विकास के लिये इस परियोजना को जमीन पर उतारने के लिए केंद्र व राज्य सरकार में ठोस व प्रभावी पहल होगी। एयरपोर्ट पर कार्गो सर्विस शुरू करने और खाड़ी व बौद्ध देशों से उड़ान शुरू किये जाने के लिए प्रयास जारी है। इससे युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार भी मिलेगा।