उत्तर प्रदेशलखनऊ

यमराज ने कहा, तेरी जान लेने आया हूं, छोरा बोला- ले जा पड़ोस में रहती है… कवि सम्मलेन में जमकर लगे ठहाके

लखनऊ : विभिन्न भाषाओं के रचनाकारों ने सोमवार को अपनी रचनाओं के जरिए लोक संस्कृति के रंग लखनऊ में बरसाये. मौका था उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान और उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान ने 75 दिवसीय भारतीय भाषा उत्सव के समापन का. इस अवसर पर विभाग की तरफ से पहली बार बहुभाषीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस बहुभाषीय कवि सम्मेलन का उद्घाटन संस्थान निदेशक विनय श्रीवास्तव ने किया. किस अवसर वह तमिल के प्रख्यात लेखक, कवि और पत्रकार सुब्रमण्यम भारती को नमन करते हुए कहा कि सुब्रमण्यम भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और तमिलनाडु के समाज सुधारक थे. ‘महाकवि भारती‘ के रूप में लोकप्रिय, वे आधुनिक तमिल कविता के अग्रदूत थे. भाषा उत्सव में कवि सम्मेलन, व्याख्यान गोष्ठी, नाटक, भाषण, गायन, लेखन जैसी प्रतियोगिताएं हुईं. भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए पुस्तक प्रदर्शनी भी लगी. इस अवसर पर हिन्दी, उर्दू, संस्कृत, पंजाबी, बंगाली, भोजपुरी, मलयाली भाषा के कवियों ने रचनाएं सुनाईं.

शायरा शबीना अदीब ने दिया संदेश : कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए हिन्दी कवि अरुण जेमिनी ने अपनी सबसे लोकप्रिय रचनाओं में से एक गरीब की खोली, आंगन में रंगोली, परोपकारी बंदे और अस्थि के कंधे… ढूंढते रह जाओगे का पाठ किया. उर्दू की मशहूर शायरा शबीना अदीब ने हाल क्या दिल का है इजहार से रोशन होगा यानी किरदार तो किरदार से रोशन होगा, रात दिन आप चरागों को जलाते क्यूं हैं, घर चरागों से नहीं प्यार से रोशन होगा- सुनाकार मोहब्बत का संदेश दिया. हास्य कवि डॉ. सर्वेश अस्थाना ने कविता रिश्तों में तकरार बहुत है, लेकिन उनमें प्यार बहुत है. सारे जहां को खुश रखने को, एक अपना परिवार बहुत है का पाठ किया. कवियत्री डॉ. मालविका हरिओम ने कविता यमराज बोला- मैं तेरी जान लेने आया हूं, छोरा बोला- ले जा मेरे पड़ोस में रहती है सुनाकर श्रोताओं को ठहाके लगाने का मौका दिया.

लखनऊ की तहजीब में पंजाबी कविता का तड़का : पंजाबी कवि मनमोहन सिंह तन्हा ने कविता इक नहीं दो नहीं ए चार बोलदी ए कुरबान होया सारा परिवार बोलदी ए रोशन उना दे खून तो दुनिया है साडी लोकों ए आज भी सरहिंद दी दीवार बोलदी ए का पाठ किया. हिन्दी कवि डॉ. श्लेष गौतम ने अपनी कविता गिरने के इस दौर का आंखों देखा हाल पारा सर्दी में गिरा, नियत पूरे साल का पाठ किया. हिन्दी कवि पंकज प्रसून व्यंग्य में सुनाया कि भाषाओं के सबसे बड़े जानकार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नजर आते हैं क्योंकि जो जिस भाषा में समझता है उसे वह उस भाषा में समझाते हैं का पाठ किया.

कविताओं में घुली बंगाल की मिठास : हिन्दी कवयित्री डॉ. तुषा शर्मा ने अपनी कविता वक्त के साथ जो मुश्किल कोई टल जाएगी. इसका मतलब नहीं तकदीर बदल जाएगी, सोचकर आप अगर देंगे मुहब्बत का जवाब, इतने अरसे में तो दुनिया ही बदल जाएगी का पाठ किया. बंगाली कवयित्री इनाक्षी सिन्हा ने कविता आज के हठात घुम भांगलो चोखे किरण लेगे, बियेर होलो पंचास वछोर, जानते पारलाम जेगे आजकेर ऐई शुभ दिने, सखा तोमार ताई, जानते ऐलो ऐई उपोलोक्षे गयना की की चाई का पाठ किया. भोजपुरी कवयित्री शिखा श्रीवास्तव ने अपनी कविता आज दुनियां में भारत महान बा, आन बान शान बा, चन्द्रमा पर आज चन्द्रयान बा का पाठ किया. मलयालम कवियत्री सुप्रभा सुरेश ने अपनी मलयालम कविता में ओणम त्योहार के सरोकारों पर प्रकाश डाला.

Zee NewsTimes

Founded in 2018, Zee News Times has quickly emerged as a leading news source based in Lucknow, Uttar Pradesh. Our mission is to inspire, educate, and outfit our readers for a lifetime of adventure and stewardship, reflecting our commitment to providing comprehensive and reliable news coverage.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button