योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद से दिया इस्तीफा, सितंबर 2017 में बने थे MLC; 25 को लेंगे CM पद की शपथ
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में प्रचंड जीत के बाद BJP ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई. वहीं, राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. गोरखपुर से विधायक चुने जाने के बाद उन्होंने यह इस्तीफा विधान परिषद सभापति को भेजा था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. विधान परिषद के प्रमुख सचिव राजेश सिंह की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक कहा गया है कि विधान परिषद में योगी आदित्यनाथ का पद 22 मार्च से खाली माना जाएगा. CM योगी सितंबर 2017 में विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए थे.
दरअसल, यूपी के कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. गोरखपुर से विधायक चुने जाने के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा विधान परिषद सभापति को भेजा था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. हालांकि, विधान परिषद के प्रमुख सचिव राजेश सिंह की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि विधान परिषद में योगी आदित्यनाथ का पद 22 मार्च से रिक्त माना जाएगा.
UP CM-designate Yogi Adityanath tenders his resignation to the Legislative Council Chairman from the post of Legislative Council member after being elected MLA from Gorakhpur.
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— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 22, 2022
योगी के साथ कई मंत्री भी 25 को लेंगे शपथ
बता दें कि योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण समारोह 25 मार्च को होगा. इस दिन योगी आदित्यनाथ 70 हजार से अधिक लोगों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री पद की लगातार दूसरी बार शपथ लेंगे, वहीं, शाम 4 बजे से राजधानी के विशाल इकाना स्टेडियम में होने वाले भव्य समारोह में योगी के साथ कई मंत्री भी शपथ लेंगे. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य विशिष्ट अतिथि मौजूद रहें.
कैबिनेट में महिला और युवाओं को मिलेगी खास तवज्जो
गौरतलब है कि योगी कैबिनेट 2 पर बीजेपी के मिशन-2024 की छाप साफ तौर पर दिखाई देगी. वहीं, पार्टी इन चेहरों के जरिए जातीय समीकरण साधने के साथ ही क्षेत्रीय समीकरण भी साधेगी. हालांकि इस बार युवाओं और महिलाओं को खास तवज्जो मिलने जा रही है. ऐसे में पार्टी की सोच है कि युवाओं और महिलाओं की बीजेपी की सफलता में खास अहमियत है, बीजेपी छवि को लेकर भी पार्टी बेहद सतर्क है. इसके साथ ही पूरब और पश्चिम में संतुलन बनाने की भी कोशिश होगी.