उत्तराखंड

केदारनाथ-बदरीनाथ सहित चारधाम यात्रा पर तीर्थ यात्रियों के लिए रजिस्ट्रेशन पर रोक, तीन जून तक है बुकिंग फुल

केदानाथ-बदरीनाथ सहित चारधाम दर्शन के लिए अभी तक तीन जून तक की बुकिंग फुल हो चुकी है। किसी भी धाम में तीन जून से पहले के लिए अब पंजीकरण नहीं कराया जा सकेगा। आपात स्थिति में पुलिस की ओर से कराई जा रहे सीमित पंजीकरण को भी पूरी तरह बंद कर दिया गया है। यात्रा के इच्छुक लोग पर्यटन विभाग के पोर्टल पर आगे की बुकिंग के लिए स्लॉट चैक कर सकते हैं।

ग्रीन सिग्नल दिखने के बाद ही लोग उस तिथि के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। फर्जी पंजीकरण के सहारे चारधाम यात्रा करने और कराने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। सरकार ने इस मामले में पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं।  इसके साथ ही देश भर के लोगों से अपील की गई है कि चारधाम के लिए केवल पर्यटन विभाग के पोर्टल और एप के जरिए ही पंजीकरण कराएं।

इसके अलावा किसी भी दूसरी वेबसाइट से पंजीकरण नहीं कराया जा सकता। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने शनिवार को पर्यटन निदेशालय में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान कुछ यात्रियों के फर्जी पंजीकरण कराकर आने की सूचना है।उन्होंने कहा कि पुलिस को यात्रा पर आने वाले लोगों के पंजीकरण की जांच बढ़ाने के साथ ही ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा गया है।

उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालों के साथ साइबर कैपे और अन्य सहयोग करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।  जावलकर ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण केवल पर्यटन विभाग के पोर्टल और मोबाइल एप के जरिए ही कराया जा सकता है। इसके अलावा यदि कोई किसी अन्य वेबसाइट से पंजीकरण का दावा करता है तो वह पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि फर्जी पंजीकरण के अभी तक 80 के करीब मामले पुलिस के सामने आए हैं और ऐसे लोगों को आगे बढ़ने से रोकने के साथ ही पूछताछ भी कराई जा रही है। कहा कि बिना पंजीरकण किसी भी यात्री को यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

अक्तूबर तक प्लान करें चारधाम यात्रा

पर्यटन सचिव ने कहा कि आमतौर पर लोग मानसून से पहले ही चारधाम यात्रा प्लान करते हैं। लेकिन चारधाम अक्तूबर तक चलती है। ऐसे में लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे अभी यात्रा प्लान करने की बजाए जून, जुलाई, अगस्त, सितम्बर और अक्तूबर के महीनों तक यात्रा प्लान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक शुरू के 45 दिनों में ही 70 प्रतिशत यात्री दर्शन कर लेते हैं। लेकिन हमारा प्रयास है कि पूरे यात्रा काल में लोग चारधाम दर्शन के लिए आए।

रजिस्ट्रेशन सार्टिफिकेट की क्यूआर कोड स्कैनिंग अनिवार्य

पर्यटन सचिव ने कहा कि फर्जीवाड़े को देखते हुए पुलिस को सभी यात्रियों के रजिस्ट्रेशन सार्टिफिकेट में दिए गए क्यू आर कोड को स्कैन करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हर वाहन की जांच होगी और उसमें बैठे कुछ लोगों के रजिस्ट्रेशन सार्टिफिकेट की क्यूआर कोड स्कैनिंग रैंडमली कराई जाएगी। इसके लिए पुलिस को व्यवस्था बढ़ाने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रेशन सार्टिफिकेट की क्यूआर कोड स्कैनिंग और अन्य जांच के लिए पुलिस को भी लॉग इन आईडी दी गई है।

22 लाख लोग करा चुके हैं पंजीकरण

राज्य में चारधाम यात्रा के लिए अभी तक कुल 22 लाख 50 हजार से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। जबकि यात्रा शुरू होने के बाद 26 दिनों में अभी तक कुल 11 लाख 45 हजार के करीब यात्री दर्शन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने होटल और हेलीकॉप्टर की बुकिंग करा ली है लेकिन चारधाम के लिए पंजीकरण नहीं हुआ है ऐसे लोगों को भी चारधाम दर्शन की इजाजत नहीं होगी। उन्होंने बताया कि चारधाम में हर दिन औसतन पचास हजार यात्री दर्शन कर रहे हैं।

घोड़े खच्चरों से क्रूरता करने वालों पर सख्ती

जावलकर ने बताया कि केदारनाथ और यमुनोत्री में घोड़े खच्चरों की मौत के मामले सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि पशुओं के साथ क्रूरता करने वालों के खिलाफ सख्ती की जाए। उन्होंने कहा कि केदारनाथ के लिए घोड़े खच्चरों के टोकन अब गुप्तकाशी से दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यमुनोत्री से 400 घोड़े खच्चर हटाए भी गए हैं।

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