- आरोपित पुलकित आर्य का होटल जमींदोज, आक्रोशित लोगों ने गोदाम में लगाई आग
- क्षेत्रीय विधायक रेणु, जिला पंचायत सदस्य आदि जन प्रतिनिधियों को एम्स से भगाया
- भाजपा ने आरोपित के पिता विनोद आर्य को पार्टी से निकाला और ओबीसी आयोग के उपाध्यक्ष पद से भाई अंकित को हटाया
ऋषिकेश। एक सप्ताह से लापता गंगा भोगपुर स्थित वंतरा रिसॉर्ट की 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी मामले को लेकर वैसे भी प्रदेश के लोगों में भी बहुत आक्रोश था लेकिन शनिवार को सातवें दिन अंकिता का शव चीला नहर से मिलने के बाद उत्तराखंड के लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। शुक्रवार की आधी रात प्रशासन ने आरोपित पुलकित के रिसॉर्ट को जमींदोज कर दिया गया। उत्तेजित लोगों ने दोपहर होने तक उसके रिसोर्ट के पीछे बने आंवला कैंडी की फैक्टरी के गोदाम को जलाकर राख कर दिया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने उप महानिदेशक पी रेणुका के संचालन में एसआईटी का गठन करने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में कई सख्त निर्णय लेते हुए रिसॉर्ट के ध्वस्तीकरण किए जाने के आदेश देने के साथ आरोपितों सख्त से सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। यही नहीं आरोपित के पिता विनोद आर्य और ओबीसी आयोग के उपाध्यक्ष डा. अंकित आर्य पर भी कार्रवाई की गई है। भाजपा ने आरोपित के पिता विनोद आर्य को पार्टी से निष्कासित करने के साथ ही सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष डा. अंकित आर्य को पद से हटा दिया गया। ऋषिकेश जिलाधिकारी ने भी अंकिता के मामले में लापरवाही करने वाले पटवारी को निलंबित कर दिया है।
अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर जहां प्रदेश भर के लोगों में भारी उबाल है वहीं इसको लेकर जबरदस्त राजनीति भी शुरू हो गई है। राज्यभर के विभिन्न संगठन अंकिता की हत्या निष्पक्ष जांच कराने और आरोपिताें को फांसी की सजा दिलाने की मांग को सरकार से सवाल कर रहे हैं। आक्रोशित लोगों एम्स, ऋषिकेश में अंकिता के शव देखने को पहुंची क्षेत्रीय विधायक रेणु बिष्ट, उत्तराखंड महिला आयोग की प्रदेश अध्यक्ष कुसुम कंडवाल और जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ का विरोध करते हुए वहां से दौड़ा लिया। इस बीच विरोध कर रहे कुछ लोगों ने क्षेत्रीय विधायक रेणु बिष्ट की गाड़ी का पिछला शीशा भी तोड़ दिया।
आज शाम को जब पुलिस ने अंकिता के शव को उसके पिता और भाई को सौंपा तो पोस्टमार्टम की रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने की मांग को लेकर गुस्साए लोगों ने फिर हंगामा करना शुरू कर दिया। इस बीच शव को लेकर जा रही एंबुलेंस को रोक रहे सैकड़ों की संख्या में उपस्थित लोगों को हटाने के लिए पुलिस को हल्का लाठीचार्ज भी करना पड़ा। इसके अंकिता के शव को वहां से अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी से बातचीत कर हत्यारों को सजा दिलाए जाने का आश्वासन भी दिया।
पुलिस अधीक्षक बोले…
मौके पर मौजूद अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार के शेखर सुयाल ने बताया कि यह मामला पुलिस से पहले राजस्व पुलिस के पास था, जिसे महिला आयोग की प्रदेश अध्यक्ष कुसुम कंडवाल के हस्तक्षेप के बाद नागरिक पुलिस को 22 सितंबर को जांच के लिए सौंपा गया था। गत 18 सितंबर की रात को अंकिता रिसॉर्ट से गायब हुई थी।
उन्होंने बताया कि 18 सितंबर की रात 8.00 से 9.00 बजे के बीच का था, जिसकी सूचना राजस्व पुलिस को 19 सितंबर को दी गई थी। पुलिस को जांच मिलते ही उसने अंकिता के हत्यारों को 22 सितंबर को ही गिरफ्तार कर घटना का खुलासा 23 सितंबर को कर दिया था। इसमें हत्यारोपितों से घटना से संबंधित सभी बयान दर्ज कराए गए थे। इसकी पुष्टि पुलिस ने सीसीटीवी कैमरो को खंगालने के बाद आरोपितों के द्वारा दिए गए बयानों से की गई थी, जिसमें बताया गया था कि अंकिता को अट्ठारह सितंबर की रात 8.00 बजे रिसोर्ट का स्वामी पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता ऋषिकेश लाए थे।
आरोपितों ने चीला नहर में पी थी शराब
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उन्होंने वापसी में 9.00 बजे के लगभग चीला नहर के किनारे शराब पी थी और इस बीच अंकिता से पुलकित का विवाद भी हुआ था। इसके बाद उसे नहर में धक्का दे दिया गया था।