पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है और कहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासनिक ढांचे को सुनिश्चित करने का एकमात्र मंत्र है।
उन्होंने कहा कि विभाग ने जिला खजाना कार्यालय, अमृतसर में तैनात वरिष्ठ सहायक सुभदेश कौर के मामले में तत्काल कार्रवाई की है, जिसे कल कथित तौर पर रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था और उसे तुरंत नौकरी से निलंबित कर दिया गया था।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह कदम पंजाब के नागरिकों के प्रति पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासनिक ढांचा स्थापित करने के व्यापक प्रयासों का भी हिस्सा है।
उन्होंने बताया कि इस मामले में गिरफ्तारी 12 मार्च 2024 को हुई और विभागीय कार्रवाई करते हुए उक्त कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से सेवा से निलंबित कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि विभाग मामले की गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि निलंबन अवधि के दौरान इस स्टाफ का मुख्यालय जिला खजाना कार्यालय, तरनतारन निर्धारित किया गया है।
वित्त मंत्री चीमा ने साफ किया कि सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति सिर्फ एक नारा नहीं बल्कि एक ठोस कार्ययोजना है। उन्होंने कहा कि वित्तीय हेराफेरी और भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को कानून की पूरी ताकत का सामना करना पड़ेगा, चाहे उनकी स्थिति या स्थिति कुछ भी हो।
उन्होंने कहा कि अब भ्रष्टाचारियों के दिन गिनती के रह गए हैं। क्योंकि सरकार सक्रिय रूप से भ्रष्टाचार के मामलों की जांच और मुकदमा चला रही है, जो एक मजबूत संकेत देता है कि जवाबदेही का युग शुरू हो गया है।
भ्रष्टाचार मुक्त पंजाब बनाने के मिशन में लोगों से सहयोग मांगते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि ईमानदारी बनाए रखने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में सभी की भूमिका है।
उन्होंने कहा कि किसी भी संदिग्ध भ्रष्ट गतिविधियों की रिपोर्ट करना, व्यक्तिगत और व्यावसायिक आचरण में नैतिक मानकों का पालन करना और पारदर्शिता की वकालत करना कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे आम जनता सरकार की पहल का समर्थन कर सकती है।