
एलन मस्क के इस बयान के बाद जर्मन राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। मस्क ने जर्मन चांसलर की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार को देशभर में सुरक्षा उपायों को सख्त करना चाहिए, खासकर सार्वजनिक स्थलों और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में। उनके अनुसार, जर्मन सरकार का इस मामले में निष्क्रिय रवैया भारत की तरह जिम्मेदार नहीं हो सकता, जहां ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाती है।
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मस्क की टिप्पणियों ने जर्मन चांसलर के कार्यालय को भी प्रतिक्रियाओं में घेर लिया है, और कई राजनेताओं ने मस्क की आलोचना की है। वहीं, कुछ ने यह भी कहा कि एक विदेशी व्यक्ति को जर्मन आंतरिक मामलों में इस तरह से हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। हालांकि, मस्क के समर्थकों का कहना है कि उन्होंने सही समय पर सख्त संदेश दिया है, जो यूरोप में बढ़ती सुरक्षा चिंताओं को उजागर करता है। इस विवाद ने न केवल जर्मन सरकार को बल्कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर भी नए सवाल उठाए हैं।