
भारत द्वारा हाल ही में आतंकवादी ठिकानों पर की गई ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा प्रभाव देखने को मिला है। पाकिस्तान के सबसे करीबी सहयोगी माने जाने वाले चीन ने भी अब अपने सुर बदल लिए हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा है, “हम हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ हैं और क्षेत्र में शांति व स्थिरता का समर्थन करते हैं।” यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत ने आतंकी गतिविधियों के खिलाफ कड़ा सैन्य जवाब दिया है और पाकिस्तान की भूमिका पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का यह रुख राजनीतिक और कूटनीतिक मजबूरी का संकेत है, क्योंकि अब वह वैश्विक मंच पर खुले तौर पर आतंकवाद के पक्ष में खड़ा नहीं होना चाहता। यह भारत की रणनीतिक और कूटनीतिक जीत मानी जा रही है।
इस बीच पाकिस्तान को उम्मीद थी कि चीन उसका खुलकर समर्थन करेगा, लेकिन ड्रैगन की यह दूरी उसके लिए एक कूटनीतिक झटका साबित हो सकती है।