रूस और यूक्रेन में लंबे समय से चले आ रहे विवाद के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन को अलग देश की मान्यता दे दी है. रूसी राष्ट्रपति ने दोनेत्सक और लुहांस्क को अलग देश के रूप में मान्यता दे दी है. रूस के इस हरकत पर अब यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा अपना पक्ष रखा है. कुलेबा ने कहा, हमें रूस को रोकने के लिए इस आखिरी मौके का इस्तेमाल करने की जरूरत है, जहां वह है. साफ है कि राष्ट्रपति पुतिन अपने आप नहीं रुकेंगे. यूक्रेन में बड़े पैमाने पर युद्ध की शुरुआत विश्व व्यवस्था का अंत होगी.
दिमित्रो कुलेबा ने कहा, यूक्रेन ने कभी किसी को धमकी या किसी पर हमला नहीं किया है. यूक्रेन ने कभी भी डोनबास में किसी भी सैन्य हमले की योजना नहीं बनाई है और आगे भी ऐसा कुछ भी करने की योजना नहीं है. न तो कोई उकसावे और न ही तोड़फोड़ की कार्रवाई की है. उन्होंने कहा कि, हम द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में सबसे बड़े सुरक्षा संकट के बीच में हैं. यह संकट रूसी संघ द्वारा एकतरफा रूप से बनाया और बढ़ाया जा रहा है. यूक्रेन पर रूस के आरोप बेबुनियाद है.
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने बैठक के दौरान कहा, दुनिया को अतीत में की गई गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए. मैं स्वतंत्र विश्व की शक्ति और यूरोप में एक नई विनाशकारी तबाही को टालने की हमारी संयुक्त क्षमता में विश्वास करता हूं. 40 मिलियन यूक्रेनियन केवल शांति और एकजुटता से रहना चाहते हैं. इससे पहले रूस-यूक्रेन विवाद के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से कहा गया है कि हमारा रूस से लड़ने का कोई इरादा नहीं है. हालांकि हम रूस को एक अचूक संदेश देना चाहते हैं कि अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ नाटो क्षेत्र के हर इंच की रक्षा करेगा. हमारा मानना है कि रूस यूक्रेन के खिलाफ एक बड़े सैन्य हमले को शुरू करने में बहुत आगे जाने के लिए तैयार है.
पश्चिमी देशों की चेतावनी यूक्रेन पर कभी भी हमला कर सकता है रूस
पश्चिमी देशों के नेताओं ने आगाह किया है कि रूस अपने पड़ोसी देश यूक्रेन पर हमला कर सकता है और उसने सीमा के तीनों तरफ लगभग 1,50,000 सैनिकों, युद्धक विमानों और अन्य साजो-सामान की तैनाती कर रखी है. रूस ने शनिवार को पड़ोसी देश बेलारूस में परमाणु हथियारों और पारंपरिक युद्धाभ्यास किया. काला सागर तट के पास भी उसके नौसैनिकों ने अभियान में हिस्सा लिया. अमेरिका और कई यूरोपीय देशों ने आशंका जताई है कि रूस हमला करने के बहाने तलाश रहा है.