
भारत और ब्रिटेन के बीच लंबे समय से प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर बातचीत अब भी निर्णायक मोड़ पर नहीं पहुंच सकी है। दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन टैरिफ स्ट्रक्चर, श्रमिक अधिकार, डेटा सुरक्षा और बाजार पहुंच जैसे विषयों पर अभी भी सहमति नहीं बन पाई है।
वाणिज्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, भारत की प्राथमिकता आईटी सेवाओं, फार्मा, और टेक्सटाइल सेक्टर में अधिक पहुंच पाने की है, जबकि ब्रिटेन कृषि और शराब जैसे उत्पादों पर कम टैरिफ चाहता है। इसके अलावा इनवेस्टमेंट प्रोटेक्शन और प्रोफेशनल वीजा जैसे मुद्दे भी बातचीत को जटिल बना रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता दोनों देशों के लिए आर्थिक दृष्टि से बेहद अहम हो सकता है, लेकिन पॉलिटिकल और पब्लिक इंटरेस्ट से जुड़े मुद्दों के कारण इसे अंतिम रूप देना कठिन होता जा रहा है। दोनों पक्ष अब चुनावी और कूटनीतिक दबावों को ध्यान में रखते हुए आगे की रणनीति बना रहे हैं।