
यरुशलम और तेल अवीव एक बार फिर धमाकों की गूंज से कांप उठे। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान-इजरायल संघर्ष पर सीजफायर की अपील के तुरंत बाद ईरान ने इजरायल पर बड़ा हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि ईरान ने कई मिसाइलें दागीं, जिनमें से कुछ को इजरायल की आयरन डोम प्रणाली ने रोका, लेकिन कुछ हमले सफल भी रहे। इस हमले में कम से कम 7 लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल बताए जा रहे हैं। घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल है और इजरायली सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है।
हमले के तुरंत बाद यरुशलम और तेल अवीव की सड़कों पर हड़कंप मच गया। लोग अपने घरों और सुरक्षित बंकरों में भागने लगे। धमाकों की आवाजें इतनी तेज़ थीं कि कई किलोमीटर दूर तक सुनी गईं। इजरायली मीडिया के अनुसार, कुछ मिसाइलें रिहायशी इलाकों में गिरीं, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ।
ईरान की ओर से हुए इस हमले को ट्रंप के हालिया सीजफायर बयान की खुली अवहेलना माना जा रहा है। ट्रंप ने कुछ घंटे पहले ही दोनों देशों से संयम बरतने और शांति की अपील की थी। लेकिन ईरान ने न सिर्फ इस अपील को नजरअंदाज किया, बल्कि सीधा सैन्य हमला कर दिया।
इजरायल के प्रधानमंत्री ने इस हमले को ‘सीधा युद्ध का निमंत्रण’ बताया है। उन्होंने कहा कि ईरान को इसका करारा जवाब दिया जाएगा। साथ ही, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि ईरान पर तत्काल दबाव बनाया जाए ताकि ऐसे हमलों को रोका जा सके।
इस हमले में मरने वाले 7 लोगों में 2 बच्चे और 1 बुजुर्ग महिला शामिल हैं। कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। इजरायली डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने जवाबी हमले की तैयारी शुरू कर दी है।
मध्य पूर्व में पहले से ही तनाव का माहौल है और यह हमला उस आग में घी डालने जैसा माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह सिलसिला नहीं रुका तो यह एक बड़े युद्ध की शुरुआत हो सकती है, जो न केवल इजरायल और ईरान को, बल्कि पूरे क्षेत्र को अपने प्रभाव में ले सकता है।
संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका सहित कई देशों ने इस ताजा हमले की निंदा की है और दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। हालांकि, ज़मीनी हकीकत यह है कि हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं और किसी भी समय स्थिति पूरी तरह युद्ध में बदल सकती है।