
दुनिया भर के अमीर अब अपने लिए नया आशियाना तलाश रहे हैं और हैरानी की बात यह है कि ब्रिटेन से सबसे ज्यादा रईस देश छोड़ रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, टैक्स, राजनीतिक अस्थिरता और निवेश के माहौल में आई गिरावट इसके प्रमुख कारण हैं। ब्रिटेन के अमीर अब ऐसे देशों की ओर रुख कर रहे हैं जहाँ टैक्स में राहत, स्थिर सरकार और बेहतर निवेश अवसर मिलते हैं। ऐसे में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) सबसे ऊपर उभरकर सामने आया है। दुबई जैसी जगहें न सिर्फ लाइफस्टाइल के लिए जानी जाती हैं, बल्कि निवेशकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गई हैं।
ग्लोबल वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में लगभग 6500 से अधिक हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNWIs) ने ब्रिटेन को छोड़ने का फैसला किया। यह आंकड़ा दर्शाता है कि वहां के अमीर लोग अब खुद को सुरक्षित और फायदे वाले माहौल में स्थापित करना चाहते हैं। इसके पीछे ब्रेक्ज़िट के बाद की आर्थिक अनिश्चितता, हाई टैक्सेशन और राजनीतिक अस्थिरता जैसे कारण अहम माने जा रहे हैं
अमीरों की पहली पसंद बन चुका UAE, खासकर दुबई, एक इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट हब के रूप में उभर रहा है। वहाँ की शून्य इनकम टैक्स नीति, व्यापार के अनुकूल माहौल, प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट के विकल्प और शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर इसे रईसों के लिए आदर्श बना रहे हैं। इसके अलावा, गोल्डन वीज़ा जैसी स्कीमों ने भी विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है।
UAE के अलावा ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, यूएस और स्विट्ज़रलैंड भी उन देशों में शामिल हैं जहां अमीर लोग बड़ी संख्या में माइग्रेट कर रहे हैं। खासकर सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया ने पिछले कुछ सालों में हाई नेटवर्थ लोगों के लिए विशेष वीज़ा और इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम्स लॉन्च किए हैं, जो उन्हें एक स्थायी और सुरक्षित जीवनशैली का विकल्प प्रदान करते हैं।
दूसरी ओर, अमीरों का अपने देश से पलायन उस देश की अर्थव्यवस्था और समाज के लिए चिंता का विषय बन सकता है। जब उच्च आय वाले नागरिक देश छोड़ते हैं, तो टैक्स कलेक्शन, निवेश, और उच्च गुणवत्ता वाले उपभोक्ता व्यवहार में गिरावट आ सकती है। ऐसे में सरकारों को यह समझना होगा कि कैसे वे अपनी नीतियों में सुधार कर इस पलायन को रोक सकती हैं।