विदेश

रूस पर हुई प्रतिबंधों की ‘बौछार’, अब ऑस्ट्रेलिया ने दिया झटका, एल्यूमीनियम और बॉक्साइट के एक्सपोर्ट पर लगाया बैन

यूक्रेन पर हमला करने के बाद से ही रूस को प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है. इसी कड़ी में ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को रूस पर लगाए गए अपने प्रतिबंधों में विस्तार किया. ऑस्ट्रेलिया ने यूक्रेन को अधिक हथियारों और मानवीय सहायता का वादा करते हुए रूस को होने वाले एल्यूमिना और बॉक्साइट के सभी निर्यात पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया. ऑस्ट्रेलिया द्वारा लगाए गए निर्यात प्रतिबंध का मकसद रूस में एल्यूमीनियम उत्पादन को प्रभावित करना है, जो अपने एल्यूमिना के 20 फीसदी के लिए ऑस्ट्रेलिया पर निर्भर है.

ऑस्ट्रेलिया की तरफ से ये कदम तब उठाया गया है, जब कुछ दिन पहले ही उसने रूसी ओलीगार्क ओलेग डेरिपस्का पर बैन लगाया था. ओलेग डेरिपस्का क्वींसलैंड एल्यूमिना लिमिटेड में कुछ हिस्सेदारी रखते हैं. ये कंपनी रूसी एल्युमीनियम कंपनी रुसल और खनन में दिग्गज कंपनी रियो टिंटो के बीच ज्वाइंट वेंचर है. ऑस्ट्रेलिया ने रूस के साथ सभी व्यापारिक संबंधों को तोड़ने का वादा किया है. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि उनकी सरकार यूक्रेन से रूसी सेनाओं को बाहर करने के लिए पुतिन सरकार पर अधिकतम दवाब डालने का काम कर रही है. इसके लिए अन्य सहयोगियों से भी मदद ली जा रही है.

यूक्रेन को कोयला दान करेगा ऑस्ट्रेलिया

मॉरिसन ने कहा, यूक्रेन पर हमले के बाद से ऑस्ट्रेलिया ने रूसी अधिकारियों और प्रतिष्ठानों पर 476 प्रतिबंध लागू किए हैं. उन्होंने इस बात का भी ऐलान किया कि यूक्रेन के अनुरोध के बाद ऑस्ट्रेलिया उसे 70,000 टन थर्मल कोयला दान करेगा. उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि इससे 10 लाख घरों तक बिजली पहुंचा सकती है. इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया यूक्रेन को दी जाने वाली मानवीय सहायता को भी बढ़ाएगा. मानवीय के तौर पर 30 मिलियन डॉलर अतिरिक्त दिए जाएंगे. इसके अलावा, यूक्रेन को रक्षा करने के लिए 28 मिलियन डॉलर भी दिए जाएंगे. वहीं, यूक्रेन को गोला-बारूद और बॉडी आर्मर भी दान किए जाएंगे.

मारियुपोल के पुलिस अधिकारी ने मांगी मदद

वहीं, यूक्रेन के बंदरगाहों के शहर मारियुपोल में रूसी हमले से उत्पन्न तबाही का मंजर बयां करते हुए एक पुलिस अधिकारी ने अमेरिका और फ्रांस से मदद की गुहार लगायी है. साथ ही यूक्रेन को अपनी आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. मलबे में तब्दील हो चुके इस शहर के पुलिस अधिकारी मिशेल वर्शनिन ने एक वीडियो पोस्ट जारी करके अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से कहा है कि उन्होंने मदद का आश्वासन दिया था, ‘लेकिन उसे जो मिला है, वह मदद तो नहीं है.’ वीडियो में दोनों विश्व नेताओं से अपील की गयी है कि वे वहां के नागरिकों की जान बचा लें.

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