
US-China Tariff War में एक नया मोड़ आया है, जब चीन ने अमेरिकी सामानों पर 125% टैरिफ लगाने का फैसला किया है। यह कदम अमेरिका द्वारा चीन के खिलाफ व्यापारिक दबाव बढ़ाने और टैरिफ लगाने के बाद उठाया गया है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान शुरू हुआ यह व्यापार युद्ध अब भी अपने चरम पर है, और दोनों देशों के रिश्तों में कड़ी तनातनी बनी हुई है।
चीन ने कहा है कि यह कदम अमेरिकी नीतियों का प्रतिशोध है, जो उनके लिए अत्यधिक नुकसानदेह साबित हो रहे हैं। 125% टैरिफ का असर विभिन्न अमेरिकी उत्पादों पर पड़ेगा, जिनमें कृषि उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोटिव सामान शामिल हैं।
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इस व्यापार युद्ध का असर न केवल US और China के बीच व्यापारिक रिश्तों पर पड़ रहा है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। अमेरिका ने पहले ही चीन पर टैरिफ़ बढ़ाकर दबाव बनाने की नीति अपनाई थी, और अब चीन ने भी इसका कड़ा जवाब दिया है।
यह व्यापार युद्ध दुनिया के दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच चल रहा है और इसके चलते वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं और व्यापारिक नीतियों में बड़े बदलाव हो सकते हैं।