
चीन तिब्बत में एक विशाल हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट बनाने की तैयारी कर रहा है, जो दुनिया का सबसे बड़ा हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट होगा। इस परियोजना का उद्देश्य जल संसाधनों का नियंत्रण बढ़ाना और ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि करना है, लेकिन इससे जल संकट और क्षेत्रीय तनाव बढ़ने की संभावना है। तिब्बत को जलवायु और जल संसाधनों का स्रोत माना जाता है, और चीन का इस क्षेत्र में हाइड्रोपावर परियोजना स्थापित करने से आसपास के देशों में चिंता बढ़ गई है।
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यह परियोजना सिर्फ ऊर्जा उत्पादन तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पानी के प्राकृतिक प्रवाह को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे नदियों के मार्ग पर पड़ने वाले प्रभाव से कई देशों को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। चीन का यह कदम अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक नया विवाद उत्पन्न कर सकता है, क्योंकि यह परियोजना पर्यावरणीय, राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।