उत्तराखंड का CM बदलने का फैसला बीजेपी के लिए साबित हुआ फायदेमंद, उपचुनावों में पार्टी का वोट शेयर बढ़ा

हाल ही में जब बीजेपी आलाकमान ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाकर तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद पर विराजमान किया था, तब कई प्रकार के अटकलें लगाई जा रही थी कि क्या तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड बीजेपी को एकजुट रख पाएंगे या क्या तीरथ सिंह रावत कांग्रेस के हरीश सिंह रावत का मुकाबला कर पाएंगे। इस बीच उत्तराखंड के सल्ट विधानसभा सीट में हुए उपचुनाव में बीजेपी ने बड़ी जीत दर्ज किया है।

आपको बता दें कि उत्तराखंड सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद सल्ट विधानसभा सीट पर पहली बार हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी महेश जीना ने चार हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की है।  महेश जीना ने कांग्रेस प्रत्याशी को 4697 वोट से मात दी। जीना को 21874 वोट मिले हैं। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी गंगा पंचोली को 17177 वोट मिले हैं। साल 2017 में भी कांग्रेस को हराकर बीजेपी ने सीट जीती थी लेकिन तब मार्जिन 2907 वोटों का था। उत्तराखंड उपचुनाव में, भाजपा उम्मीदवार महेश जीना को 21874 वोट मिले, जो कि 52 प्रतिशत मतदान है, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार गंगा पंचोली को 17177 वोट मिले, जो कि 41 प्रतिशत वोट हैं। साल 2017 में, भाजपा का वोट शेयर 50 फीसदी और कांग्रेस का 43.35 फीसदी था और 2021 में भाजपा के वोट शेयर में वृद्धि हुई है जबकि कांग्रेस ने 2017 के मुकाबले उपचुनाव में गिरावट दर्ज की है।

बता दें कि, महेश जीना, सुरेंद्र सिंह जीना के बड़े भाई है जो 2017 में इस सीट से विधायक चुने गए थे। पिछले साल नवंबर में दिल्ली में कोविड -19 संक्रमण के इलाज के दौरान सुरेंद्र सिंह जीना की मृत्यु हो गई थी। सुरेंद्र सिंह सल्ट विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं।

जीत का जश्न मनाने के लिए पार्टी कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी महेश जीना को बधाई दिया। साथ ही में मतदाताओं का आभार व्यक्त किया। तीरथ सिंह रावत के लिए मुख्यमंत्री के रूप सल्ट चुनाव पहला चुनाव था और इसलिए यह परिणाम उनके लिए बहुत मायने रखता है।

तीरथ सिंह की यह जीत उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ऊपर हुई है।, क्योंकि चुनाव से एक सप्ताह पहले ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने “जनता की भावनाओं को देखते हुए” त्रिवेंद्र सिंह रावत के फैसले को निलंबित कर दिया था। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुमाऊं और गढ़वाल के बाद राज्य में तीसरे कमिश्नरी के रूप में गेयरसैन को बनाने की घोषणा की थी।  त्रिवेंद्र सिंह के इस फैसले के खिलाफ अल्मोड़ा में लोगों के बीच आक्रोश था और कांग्रेस ने इसे चुनाव प्रचार में एक मुद्दा बनाया था। 

उत्तराखंड में बीजेपी की यह जीत सिर्फ तीरथ सिंह रावत के लिए ही नहीं, बल्कि बीजेपी अध्यक्ष के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के लिए भी जीत है। बता दें कि,  कुछ सप्ताह पहले ही, उत्तराखंड के जमीनी स्तर के नेताओं ने नड्डा से त्रिवेंद्र सिंह के नेतृत्व को लेकर चिंताएं व्यक्त किए थे। नाडा ने उनकी बात को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड के नेतृत्व को बदल डाला। ऐसे में अमूमन पार्टी के अंदर गुटबाजी होने लगती है, परंतु नाडा ने यह कार्य कुशलता पूर्वक किया और पार्टी को एकजुट रखा। नतीजतन, सल्ट विधानसभा सीट पर बीजेपी ने एक बड़ी जीत दर्ज की ।