हरियाणा: हाईकोर्ट की शरण में एचसीएस अधिकारी अनिल नागर, जाने क्या है पूरा मामला

याची ने हाईकोर्ट में कहा कि उन्हें इस मामले में बेवजह फंसाया जा रहा है। याची के खिलाफ किसी भी स्तर पर पैसे के लेनदेन का कोई सबूत नहीं मिला है और इसलिए हाईकोर्ट उसे अग्रिम जमानत का लाभ दे।

डेंटल सर्जन और एचसीएस प्रारंभिक परीक्षा फर्जीवाड़े के आरोपी एचसीएस अधिकारी अनिल नागर ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए अग्रिम जमानत की मांग की है। हाईकोर्ट ने याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया कि विजिलेंस ब्यूरो ने उनके खिलाफ 17 नवंबर 2021 को एफआईआर दर्ज की थी और 19 नवंबर 2021 को उन्हें व दो युवकों को गिरफ्तार किया था। याची पर आरोप है कि एचपीएससी द्वारा आयोजित डेंटल सर्जन की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा में उपस्थित हुए उम्मीदवारों के अंकों में हेरफेर करने में वे शामिल थे। याची ने कहा कि जांच दल उसके और अंकों की हेराफेरी करने वालों के बीच किसी भी तरह का संबंध साबित करने में असफल रहा। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने उनको 9 जनवरी 2023 को जमानत दे दी थी।

याची ने बताया कि 22 दिसंबर 2021 को ईडी ने उनके खिलाफ एक मामला दर्ज कर लिया। इस मामले में अब ईडी उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है। उनके मामले में सह-आरोपियों को ईडी ने पूछताछ के बहाने बुलाया था और उनको गिरफ्तार कर लिया। अब उन्हें भी बार-बार समन भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। उन्हें शंका है कि जैसे ही वह पूछताछ में शामिल होंगे, उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। याची ने हाईकोर्ट में कहा कि उन्हें इस मामले में बेवजह फंसाया जा रहा है। याची के खिलाफ किसी भी स्तर पर पैसे के लेनदेन का कोई सबूत नहीं मिला है और इसलिए हाईकोर्ट उसे अग्रिम जमानत का लाभ दे। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी को इस मामले में जवाब दायर करने का आदेश दिया है।