उत्तराखंड की महत्वपूर्ण जमरानी बांध परियोजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति से मंजूरी मिलने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इसका निर्माण होने से हल्द्वानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में पेयजल और सिंचाई की समस्या का समाधान हो जाएगा।
यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, 1975 से लंबित पड़ी इस परियोजना को मंजूरी देने पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी आभार जताया। धामी पिछले दिनों प्रधानमंत्री के साथ बैठकों में निरंतर इस संबंध में अनुरोध करते रहे थे। नैनीताल जिले में काठगोदाम से 10 किलोमीटर ‘अपस्ट्रीम’ में गौला नदी पर 150.60 मीटर ऊंचाई पर जमरानी बांध का निर्माण प्रस्तावित है। परियोजना से लगभग 1,50,000 हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र को सिंचाई सुविधा से लाभ मिलेगा। इसके साथ ही इससे हल्द्वानी शहर को प्रतिवर्ष 42 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पेयजल उपलब्ध होगा।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वृहद एवं मध्यम) के अन्तर्गत जमरानी बांध परियोजना के वित्त पोषण हेतु निवेश स्वीकृति मिल चुकी है जबकि जल शक्ति मंत्रालय द्वारा वित्त मंत्रालय के पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड को वित्तीय स्वीकृति हेतु प्रेषित प्रस्ताव पर भी सहमति मिल चुकी है। कुल 1730.20 करोड़ रुपए की लागत वाली परियोजना में 90 प्रतिशत केन्द्रांश एवं 10 प्रतिशत राज्यांश प्रस्तावित है। राज्यांश का वहन उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से पूर्व में हुए समझौता ज्ञापन के अनुसार किया जाएगा।
जमरानी बांध परियोजना से प्रभावित 351.55 हेक्टेयर वन भूमि सिंचाई विभाग को हस्तांतरित करने हेतु केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से इस वर्ष जनवरी में स्वीकृति मिल चुकी है। परियोजना प्रभावित परिवारों के विस्थापन हेतु प्राग फार्म की 300.5 एकड़ भूमि के प्रस्ताव पर उत्तराखंड मंत्रिमंडल पहले ही अपनी मुहर लगा चुका है।