केरल के कुछ हिस्सों में कोविड सब वेरिएंट JN.1 पाए गए हैं, जिसके बाद इसको लेकर चिंताएं थोड़ी बढ़ गई हैं। बीते शनिवार को केरल में एक 79 वर्षीय महिला में कोविड का नया सब वेरिएंट पाया गया था, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है।
भारत SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) को अनुक्रमण और नए खतरनाक कोविड -19 वेरिएंट पर नजर रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसने केरल के उन हिस्सों की जांच की है, जहां JN.1 पाया गया है
किसी तरह की गंभीर स्थिति नहीं
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए INSACOG के प्रमुख एन.के. अरोड़ा ने कहा, “इस वेरिएंट को अलग कर दिया गया है और नवंबर में रिपोर्ट किया गया है। यह BA.2.86 का एक सब वेरिएंट है। हमारे पास JN.1 के कुछ मामले हैं।” उन्होंने कहा, “भारत निगरानी कर रहा है और यही कारण है कि अब तक किसी अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर बीमारी की सूचना नहीं मिली है।”
सितंबर में पाया गया पहला केस
मालूम हो कि JN.1 को पहली बार सितंबर 2023 में संयुक्त राज्य अमेरिका में पाया गया था। नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष राजीव जयदेवन के अनुसार, “सात महीने के अंतराल के बाद, भारत में मामले बढ़ रहे हैं। केरल में, लोगों के कोविड होने की खबर है, लेकिन फिलहाल किसी तरह की गंभीर स्थिति नहीं दिख रही है।”
उन्होंने कहा, “जीनोम सीक्वेंसिंग से पता चलता कि किस क्षेत्र में कैसा वायरस फैल रहा है। उदाहरण के लिए, भारत में, अप्रैल 2023 की लहर के दौरान, एक्सबीबी सबलाइनेज को संक्रमण का मुख्य कारण पाया गया। हालांकि, दिसंबर जीनोम सीक्वेंसिंग के परिणाम अभी भी आ रहे हैं और शुरुआती जांच से पता चल रहा है कि केरल में JN.1 मामला पाया गया।”
पश्चिमी देशों में फैल रहा JN.1
जयदेवन ने कहा कि JN.1 वेरिएंट तेजी से फैलने और प्रतिरक्षा से बचने में सक्षम है। उन्होंने कहा, “JN.1 एक गंभीर रूप से प्रतिरक्षा-रोधी और तेजी से फैलने वाला वेरिएंट है। इसका असर उन लोगों पर जल्दी होगा, जो पहले भी कोविड का शिकार हो चुके हैं और जिन लोगों का टीकाकरण हुआ है। JN.1 कई पश्चिमी देशों में तेजी से बढ़ रहा है।”