केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने वित्त वर्ष 2023-24 (आकलन वर्ष 2024-25) के लिए आईटीआर-1 (सहज) और आईटीआर-4 (सुगम) फॉर्म नोटिफाई कर दिए हैं। आयकर विभाग ने सहज और सुगम में कुछ बदलाव भी किए हैं। यहां हम इस आर्टिकल में इन बदलावों को लेकर डिटेल में जानकारी दे रहे हैं।
आईटीआर-1 (सहज)
यह फॉर्म काफी सिंपल है, जो आमतौर पर सैलरी, एक घर-प्रॉपर्टी, फैमली पेंशन और अन्यू सोर्स ( बैंक या पोस्ट ऑफिस सेविंग की ब्याज) और 5000 रुपये तक की कृषि आय वाले व्यक्ति आईटीआर भरने के लिए करते हैं। यह फॉर्म 50 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले व्यक्ति ही भर सकते हैं।
ITR-1 फॉर्म रेजिडेंट नॉट ऑर्डिनरीली रेजिडेंट (RNOR) या नॉन-रेजिडेंट इंडियंस (NRI) कैटगरी के करदाताओं के लिए नहीं है।
इसके साथ ही लॉटरी, रेस हॉर्स या लीगल गैंबलिंग जैसे सोर्स से हुई कमाई के लिए आईटीआर भरने के लिए भी यह फॉर्म नहीं भरा जा सकता है।
टैक्सेबल कैपिटल गेन, अनलिस्टेड इक्विटी शेयर में निवेश करने वाले, बिजनेस या प्रोफेशन से होने वाली इनकम या किसी कंपनी के डायरेक्टर आईटीआर-1 फॉर्म नहीं भर सकते हैं।
आईटीआर-1 में बदलाव
आकलन वर्ष 2024-25 के लिए जारी नए आईटीआर 1 में कुछ मामूली मॉडिफिकेशन किए गए हैं। इसमें टाइप सी – डिडक्शन और टैक्सेबल टोटल इनकम में नया फील्ड 80CCH जोड़ा गया है। इसके तहत अग्निपथ योजना में योगदान के लिए 100 प्रतिशत टैक्स में छूट पा सकते हैं।
इसके साथ ही पार्ट ई- अन्य जानकारी को शामिल किया गया है, जिसमें करदाताओ अपने सभी एक्टिव बैंक खातों का विवरण देना होगा।
आईटीआर-4 (सुगम)
आईटीआर-4 फॉर्म 50 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले हिंदू अनडिवाइडेड फैमली (एचयूएफ) और फर्म (एलएलपी) पर लागू होता है जो अनुमानित टैक्स की कैलकुलेशन (सेक्शन 44AD, 44ADA, या 44AE) कर रहे हैं।
इसके साथ ही आईटीआर-4 (सुगम) की मदद से कॉन्ट्रैक्चुअल आईटी प्रोफेशनल, ट्यूशन टीचर (एकेडमिक, डांस और ड्रॉइंग) या ऐसे घर से काम करने वाले प्रोफेशनल सेक्शन 44DA के तहत रिर्टन फाइल करते हैं।
आईटीआर-1 की तरह ही आईटीआर-4 फॉर आरएनओआर और एनआरआई के लिए नहीं है।
इस फॉर्म के जरिए आईटीआर भरने वाले व्यक्ति अनुमान के आधार पर कुल आय और उसपर टैक्स की गणना कर सकते हैं। और उन्हें अकाउंट ऑडिट करने से छूट मिलती है।
आईटीआर-4 में बदलाव
आईटीआर 4 में बदलाव की बात करें तो इसमें सेक्शन 44AD और 44ADA के तहत करदाताओं को तीन श्रेणियों में टर्नओवर को विभाजित करना होगा। करदाताओं को नकद के साथ-साथ अन्य मोड जैसे अकाउंट पेय चेक या अकाउंट पेय बैंक ड्राफ्ट या इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम के तहत प्राप्त राजस्व का विवरण देना होगा।
इसके साथ ही अब सेक्शन 139 (9) /142 (1)/148/153C के तहत नोटिस या सेक्शन 119 (2) (B) के तहत दाखिल किए रिटर्न पर डक्यूमेंट आईडेंडिटी नंबर या तारीख दर्ज करने की जरूरत नहीं होगी।