डेढ़ महीने में 24 हमले, हमास के समर्थन में क्यों अटैक कर रहे हूती विद्रोही

लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमलों के बाद वैश्विक व्यापार माल ढुलाई की लागत में वृद्धि का सामना कर रहा है। बड़ी कंटेनर शिपिंग कंपनियां हूती विद्रोहियों के हमले के डर से अपने मालवाहक जहाज लाल सागर से बचते हुए लंबे रूट पर भेज रही हैं।

इससे उनको 6,000 किलोमीटर से अधिक अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। अगर हालात में सुधार नहीं होता है तो आने वाले समय में उपभोक्ताओं को आयातित उत्पादों के लिए ज्यादा कीमतें चुकानी होंगी।

क्यों अहम है लाल सागर?
लाल सागर के उत्तरी छोर पर स्वेज नहर है और दक्षिणी छोर पर संकरा बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य है, जो अदन की खाड़ी में जाता है। यह एक व्यस्त जलमार्ग है। एशिया और यूरोप व इससे आगे मालवाहक जहाज स्वेज नहर से होकर गुजरते हैं। एशिया-यूरोप व्यापार का एक बड़ा हिस्सा आम तौर पर इस इलाके से होता है। इसमें बड़े पैमाने पर ऊर्जा की आपूर्ति भी शामिल है। यूरोप इस ऊर्जा आपूर्ति पर काफी हद तक निर्भर है।

लाल सागर में हमले ने बढ़ाई परेशानी
62%- हमलों के डर से मालवाहक जहाज ले रहे है लंबा रास्ता
40%- लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों की संख्या में आई कमी
40%- लाल सागर के इलाके से होता है एशिया-यूरोप व्यापार
10 लाख बैरल से अधिक कच्चा तेल स्वेज नहर से होकर प्रतिदिन जाता है।
30%- वैश्विक कंटेनर ट्रैफिक का गुजरता है स्वेज नहर से होकर
12%- व्यापार स्वेज नहर से होता है।

हमास के समर्थन में हो रहे हैं लाल सागर में हमले
लाल सागर में हूती विद्रोहियों के कारण तनाव बढ़ चुका है। अमेरिका के मुताबिक, नवंबर के तीसरे हफ्ते से लेकर अब तक हूती विद्रोहियों ने लगभग दो दर्जन व्यापारिक जहाजों पर हमला किया है। जहाजों को नुकसान पहुंचाने के लिए बैलिस्टिक मिसाइलें भी इस्तेमाल हो रही हैं।

इन हमलों का सीधा मकसद उन सभी देशों को नुकसान पहुंचाना है, जो किसी न किसी तरह से इजरायल का समर्थन कर रहे हैं या जिन देशों के इजरायल से दोस्ताना संबंध हैं। अक्टूबर, 2023 में आतंकी संगठन हमास और इजरायल के बीच लड़ाई शुरू होने के बाद से ही हूती विद्रोहियों के हमले बढ़े हैं।

क्या बोले फियो के सीईओ?
फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशंस (फियो) के सीईओ अजय सहाय ने बताया कि निर्यात माल भेजने की लागत बढ़ चुकी है। लाल सागर में हमले के डर से निर्यातक अपने माल को रोक रहे हैं। खरीदार उन्हें माल नहीं भेजने की सलाह दे रहे हैं। निर्यातकों की लागत 50% तक बढ़ सकती है।

भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए कितना महत्वपूर्ण?
लाल सागर वाले रूट से ही मालवाहक जहाज मुंबई, कोच्चि, मेंगलुरु, गोवा और चेन्नई से होकर सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड वियतनाम जैसे दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में जाते है। इससे देश का सबसे ज्यादा कच्चा तेल आता है। 2023 में भारत में आयात किया गया, 65 प्रतिशत तेल लाल सागर से होकर पहुंचा था। खासकर रूस से आने वाला कच्चा तेल इसी रूट के जरिए हम तक पहुंच रहा है। अब इस रास्ते पर हमले बढ़ने से जहाजों को लंबा रास्ता लेना होगा, जो कि बहुत ज्यादा खर्चीला होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com