खाद्य महंगाई को लेकर सरकार पूरी तरह से सतर्क दिख रही है। उपभोक्ता मामले के मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि फिलहाल गेहूं, प्याज, चीनी व सामान्य चावल जैसे खाद्य आइटम के निर्यात पर लगी पाबंदी जारी रहेगी। इन वस्तुओं के निर्यात पर पाबंदी हटते ही इनकी खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका है।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हित का भी ध्यान रख रही है, तभी सरकारी स्तर पर प्याज की भरपूर खरीदारी की जा रही है। सरकार अहमदनगर, नासिक, होशंगाबाद, सोलापुर व पुणे जैसी जगहों से 19-23 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से प्याज की खरीदारी कर रही है।
प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध
प्याज के बढ़ते दाम को देखते हुए कुछ माह पहले प्याज के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। वैसे ही चीनी के कम उत्पादन की आशंका के तहत चीनी के निर्यात पर भी रोक लगा दी गई। गेहूं के निर्यात पर पिछले एक साल से भी अधिक समय से प्रतिबंध जारी है।
गत दिसंबर माह की खुदरा महंगाई दर 5.69 प्रतिशत के साथ चार माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। वहीं खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर गत दिसंबर में 9.53 प्रतिशत हो गई जबकि वर्ष 2022 दिसंबर में खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर 4.19 प्रतिशत थी।
चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध जारी
गोयल ने कहा कि चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहेगी, लेकिन चीनी के आयात का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने कहा कि सामान्य चावल के निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद घरेलू स्तर पर चावल के दाम में बढ़ोतरी के मामले की जल्द ही समीक्षा की जाएगी।
बासमती चावल का निर्यात खुला हुआ है, लेकिन लाल सागर में व्यवधान से बासमती चावल का निर्यात भी प्रभावित है। फिर भी घरेलू स्तर पर चावल के दाम में कमी नहीं हो रही है।
उन्होंने बताया कि इस साल गेहूं का रिकार्ड उत्पादन होने की संभावना है और अगर घरेलू गेहूं का स्टॉक जरूरत से काफी अधिक हो जाता है तो गेहूं निर्यात पर लगी पाबंदी को खोलने पर विचार किया जा सकता है।
गोयल ने बताया कि खाद्य आइटम पर प्रतिबंध के बावजूद पड़ोसी व विकासशील देशों की गुजारिश पर भारत उन्हें गेहूं व अन्य अनाज की लगातार सप्लाई कर रहा है। इनमें इंडोनेशिया, भूटान, अफगानिस्तान जैसे कई देश शामिल हैं।