यूजीसी ने शोध और इंटर्नशिप करने वाले छात्रों के लिए जारी की गाइडलाइन

विश्वविद्यालयों में शुरू किए गए चार वर्षीय स्नातक कोर्सों में दाखिला लेने वाले छात्रों को स्नातक स्तर पर ही शोध और इंटर्नशिप करने का मौका मिलेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इसे लेकर विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। हालांकि, इस दौरान छात्रों को सिर्फ उन्हीं क्षेत्रों में शोध करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जो देश के विकास को रफ्तार देने के लिए जरूरी होंगे।

इसके तहत फिलहाल एआई, आइटी व पर्यटन सेक्टर सहित 16 प्रमुख क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है। खास बात इन क्षेत्रों में शोध करने वाले छात्रों को ही स्नातक के साथ आनर्स के साथ शोध (आनर्स विद रिसर्च) की डिग्री मिलेगी।

विश्वविद्यालयों को दिए ये आदेश
यूजीसी ने इस गाइडलाइन के साथ ही सभी विश्वविद्यालयों से अपने यहां इसके लिए जरूरी ढांचा तैयार करने को कहा है। इसके लिए एक नोडल अधिकारी की तैनाती है, जिसकी शोध और इंटर्नशिप जैसे कामों में रूचि हो। इसके साथ ही संस्थानों से स्थानीय स्तर पर चिन्हित किए गए क्षेत्रों के संबंध में एक सर्वे कराने को भी कहा है, ताकि वह उनकी जरूरतों को पहचान सकें और उसे मजबूती भी दे सकें।

इंटर्नशिप के लिए दिए जाएंगे क्रेडिट अंक
यूजीसी के मुताबिक छात्रों को शोध व इंटर्नशिप के लिए जरूरी क्रेडिट अंक भी दिए जाएंगे। इस दौरान इंटर्नशिप करने पर दो से चार क्रेडिट अंक तक मिलेंगे, जबकि शोध करने पर 12 क्रेडिट अंक मिलेंगे। इस दौरान एक क्रेडिट अंक के लिए छात्रों को कम से कम 30 घंटे तक उस क्षेत्र में देना होगा।

गौरतलब है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छात्रों को स्नातक स्तर पर ही शोध को लेकर प्रोत्साहित करने के लिए चार वर्षीय स्नातक प्रोग्राम में इसे जोड़ा गया है। जबकि अभी तक किसी भी छात्र को शोध कार्यों से जुड़ने के लिए उसका परास्नातक ( पोस्ट ग्रेजुएट) होना जरूरी होता था।

इन क्षेत्रों में कर सकेंगे शोध और इंटर्नशिप
यूजीसी ने स्नातक स्तर पर छात्रों को शोध और इंटर्नशिप से जोड़ने के लिए जिन 16 प्रमुख क्षेत्रों को चुना है, उनमें एआई, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, आइटी आदि के साथ व्यापार व कृषि क्षेत्र, इकोनामी-बै¨कग क्षेत्र, लाजिस्टिक, हैंडक्राफ्ट, आर्ट, डिजाइन और संगीत का क्षेत्र, हेल्थ केयर और लाइफ साइंस, पर्यटन और उससे जुड़ी सुविधाओं वाला क्षेत्र, मानवाधिकार, संचार , शिक्षा, पर्यावरण, कामर्स, मध्यम व छोटे उद्योग, रिटेल, खेल और फिजिकल एजुकेशन आदि शामिल है।

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