राजधानी से सटे जिलों के 100 किमी. के दायरे में 86 नए रूटों पर अनुबंधित रोडवेज बसें चलाई जाएंगी। इनमें आसपास के जिलों के वे रूट शामिल हैं, जिनपर फिलहाल रोडवेज बसों की सुविधा नहीं है। पहले चरण में 155 बसें चलाई जाएंगी। इसके लिए टेंडर की तैयारी की जा रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि दो महीने के अंदर बसों का संचालन शुरू हो जाएगा। अनुमान के मुताबिक रोजाना करीब 25 हजार यात्रियों को इससे राहत मिलेगी।
राजधानी से सटे जिलों के ग्रामीण इलाकों में जहां रोडवेज बसों की सुविधा नहीं है, उन्हें अनुबंधित ग्रामीण बस योजना से जोड़ने की कार्ययोजना तैयार की गई है। इन ग्रामीण इलाकों में नई सड़कें बनने से इन रूटों पर बसों की राह आसान हो गई है। रूट, दूरी और बसों की संख्या का ब्योरा परिवहन निगम मुख्यालय को भेज दिया गया है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर बस संचालन को लेकर मंजूरी मांगी गई थी।
सर्वे में इन रूटों पर चलती मिलीं डग्गामार बसें
परिवहन निगम के अफसरों के मुताबिक लखनऊ परिक्षेत्र की ओर से नए मार्गों पर किए गए सर्वे में पाया गया कि इन रूटों पर डग्गामार बसें और वैन यात्रियों को ढो रही हैं। इससे रोडवेज को राजस्व का नुकसान तो हो ही रहा है, यात्रियों की जान भी जोखिम में पड़ रही है। लिहाजा अनुबंधित रोडवेज बसों को चलाने की योजना बनाई गई है।
आबादी के अनुसार तय होगी बसों की संख्या
सर्वे रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि आबादी के हिसाब से रोडवेज बसों की संख्या तय की जाएगी। शुरुआत में किसी रूट पर एक तो किसी पर दो से तीन बसें चलाई जाएंगी। यात्रियों की संख्या बढ़ने पर रूट पर बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
सिंगल रोड पर मिनी, डबललेन पर चलेंगी बड़ी बसें
अफसरों ने बताया कि जहां पर सिंगल रोड है, वहां मिनी बसों को चलाया जाएगा। वहीं डबललेन वाली सड़कों पर बड़ी बसों को चलाया जाएगा, जो 54 सीटर होंगी।
जल्द ही शुरू होंगी बसें
परिवहन निगम की ओर से 86 नए मार्ग चिह्नित किए गए हैं। इन रूटों पर अनुबंधित बसों को चलाया जाएगा। इसके लिए पूर्व में कराए गए सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही नई बसों का संचालन शुरू होने की उम्मीद है।
-आरके त्रिपाठी, क्षेत्रीय प्रबंधक, लखनऊ परिक्षेत्र