प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) के अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस, प्रशासन के सहयोग से शहर के नौ होटल सील कर दिए। इस दौरान कुछ होटल संचालकों ने पीसीबी पर बिना नोटिस के होटल सील करने का आरोप लगाया। लेकिन, अधिकारियों ने कहा कि नोटिस देने के बावजूद होटलों ने अनुमति नहीं ली थी।
उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. आरके चतुर्वेदी के नेतृत्व में मसूरी के विभिन्न क्षेत्रों में पुलिस, पालिका प्रशासन, उर्जा निगम, जल संस्थान के अधिकारियों की टीम ने शहर के नौ होटलों को सील कर दिया। चतुर्वेदी ने बताया कि एनजीटी कोर्ट में कार्तिक शर्मा बनाम स्टेट ऑफ उत्तराखंड राज्य केस चल रहा है। जिसमें कहा गया था कि मसूरी में बिना परमिशन के होटल संचालित हो रहे है। इसके बाद मसूरी में 282 होटलों का सर्वे किया गया जिसमें नौ होटल ऐसे पाए गए जो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से बिना अनुमति चल रहे थे।
‘नोटिस देकर मांगा गया था जवाब’
बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि इन सभी होटल संचालकों को नोटिस दिया गया और जवाब मांगा गया। लेकिन, होटल संचालकों ने न जवाब दिया और न ही अनुमति ली। उन्होंने बताया कि जल एवं वायु अधिनियम के तहत होटल संचालन के लिए हेतु राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सहमति लेनी जरूरी है। बताया, सील की कार्रवाई के दौरान होटल की बिजली काट दी गई और बिजली के पैनल को सील किया।
संचालकों में नाराजगी
कुलड़ी स्थित होटल प्लाजो के मैनेजर मुकेश ने आरोप लगाया कि पीसीबी की टीम आई और होटल को सील कर दिया। कहा, होटल में चार रूम में उनके गेस्ट ठहरे हैं। कहा, होटल को कोई नोटिस नहीं मिला। कहा, होटल की बिजली काटे जाने से पर्यटकों और होटल स्टाफ को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा। जिन होटलों पर कार्रवाई हुई उनमें ठहरे गेस्ट दूसरे होटलों में शिफ्ट हो गए।
इन होटलों पर हुई कार्रवाई
होटल ग्रीन व्यू, होटल अशोका प्लाजा, होटल उर्वसी, होटल प्लाजो, होटल कामाख्या, होटल रडीसन तारा, होटल वाइल्ड फ्लावर, हेवन्स व्यू रिर्सोट, होटल इलीजेंट की बिजली काटकर बिजली के पैनल सील कर दिए। कार्रवाई के दौरान पीसीबी की टीम में पीसीबी के पर्यावरण अभियंता डॉ. राकेश कंडारी, पालिका ईओ राजेश नैथानी, जल संस्थान एई टीएस रावत, उर्जा निगम एई पंकज थपलियाल, शहर कोतवाल अरविंद चौधरी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।