जी7 देशों को भारत की तरफ से निर्यात किए जाने वाले एक तिहाई पेट्रोलियम उत्पाद (6.65 अरब डॉलर) रूसी कच्चे तेल से निकाले गए थे। एक यूरोपीय थिंक टैंक ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया है कि कैसे जी7 देशों ने प्रतिबंध लगाकर रूसी कच्चे तेल को खरीदने से परहेज किया, लेकिन तीसरे देश को उससे निकाले जाने वाले उत्पादों के निर्यात की अनुमति दे दी।
रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद उसको दंडित करने के लिहाज से तेल खरीद पर प्रतिबंध के साथ ही विकसित देशों ने मूल्य सीमा जैसे कदम उठाए थे। फिनलैंड की ‘सेंटर फार रिसर्च आन एनर्जी एंड क्लीन एयर’ ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों का सबसे ज्यादा निर्यात रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की जामनगर रिफाइनरी से किया गया।
यूरोपीय देशों को 5.2 अरब डॉलर के पेट्रोलियम उत्पाद निर्यात
यहां से यूरोपीय देशों को 5.2 अरब डॉलर के पेट्रोलियम उत्पाद निर्यात किए गए। भारत ने पेट्रोलियम उत्पादों को निकालने के लिए 3.02 अरब यूरो का रूसी कच्चा तेल आयात किया। अकेले अमेरिका को 1.2 अरब यूरो के पेट्रोलियम उत्पादों का आयात किया। इन पेट्रोलियम उत्पादों को बनाने के लिए 73.3 करोड़ डॉलर का रूसी कच्चा तेल आयात किया गया।