चुनाव आयोग ने चार राज्यों के गैर-कैडर अधिकारियों, जो जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक पदों पर तैनात हैं, उनके तबादले के आदेश दिए हैं। जिन राज्यों के अधिकारियों के तबादले के आदेश दिए गए हैं, उनमें गुजरात, पंजाब, ओडिशा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। जिन अधिकारियों के तबादले के आदेश दिए गए हैं, उनमें गुजरात में छोटा उदयपुर और अहमदाबाद ग्रामीण इलाकों के एसपी, पंजाब राज्य के पठानकोट, फाजिल्का, जालंधर ग्रामीण और मलेरकोटला जिले के एसएसपी शामिल हैं।
चुनाव आयोग ने इन अधिकारियों के तबादले का दिया आदेश
चुनाव आयोग ने ओडिशा के ढेंकानाल के जिलाधिकारी, देवगढ़, कटक ग्रामीण इलाके के एसपी के नाम भी शामिल हैं। पश्चिम बंगाल में जिन अधिकारियों के तबादले के आदेश दिए गए हैं, उनमें पूर्व मेदिनीपुर, झारग्राम, पूर्व बर्धमान और बीरभूम जिले के जिलाधिकारी शामिल हैं। चुनाव आयोग ने पंजाब में बठिंडा के एसएसपी, असम में सोनितपुर के एसपी का भी तबादला किया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि उन्होंने नेतृत्वकर्ता पदों पर तैनात गैर-कैडर अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। जिसके तहत आयोग ने आठ गैर-कैडर एसपी और एसएसपी अधिकारियों और पांच गैर-कैडर जिलाधिकारियों के तबादले का आदेश दिया है। दरअसल जिन अधिकारियों का तबादला किया गया है, उनमें से कुछ के राजनेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं। सोनितपुर के एसपी सुशांत बिस्व सरमा, राज्य के सीएम हिमंता बिस्व सरमा के भाई हैं। इसी तरह पंजाब में एसएसपी भटिंडा हरननबीर सिंह गिल कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल के भाई हैं।
छह राज्यों के गृह सचिवों के तबादले का भी दिया था आदेश
इससे पहले चुनाव आयोग ने 18 मार्च को भी देश के विभिन्न राज्यों के गृह सचिवों का तबादला करने का आदेश दिया था। चुनाव आयोग ने बीएमसी के आयुक्त इकबाल सिंह चहल और पश्चिम बंगाल के डीजीपी का भी तबादला करने का आदेश दिया था। आयोग ने बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के गृह सचिवों का तबादला करने का भी आदेश दिया था। आयोग ने मिजोरम और हिमाचल प्रदेश के सामान्य विभाग के सचिव को भी हटाने के आदेश दिया था। चुनाव आयोग ने बीते हफ्ते ही देश में लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान किया था। तारीखों के एलान के वक्त चुनाव आयोग ने कहा था कि वे निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे, ऐसे में बड़े पैमाने पर अधिकारियों के तबादलों को भी निष्पक्ष चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।