हर महीने कई वित्तीय कामों की आखिरी डेडलाइन होती है। मार्च का महीना फाइनेंशियल कामों के लिए भी बहुत जरूरी होता है। दरअसल, यह वित्त वर्ष (FY24) का आखिरी महीना है।
अगर आपने भी पीपीएफ, नेशनल पेंशन सिस्टम या फिर सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) में निवेश किया है तो यह आर्टिकल आपके लिए बेहद जरूरी है।
बता दें कि इन स्कीम के निवेशक को हर वित्त वर्ष में न्यूनतम पैसा जमा करना होता है। अगर वो न्यूनतम राशि जमा नहीं करते हैं तो उनका अकाउंट इनएक्टिव हो जाता है।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्कीम है। इसमें हर वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपये का निवेश करना होता है। इस योजना में अधिकतम निवेश की राशि 1.5 लाख रुपये है। सरकार निवेश राशि पर सालाना 7.1 फीसदी के हिसाब से ब्याज देती है।
पीपीएफ में 15 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। 15 साल तक आप फंड से कोई निकासी नहीं कर सकते हैं। लॉक-इन पीरियड के बाद निवेशक फंड से निकासी कर सकता है।
सुकन्या समृद्धि योजना
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत केंद्र सरकार द्वारा सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) शुरू की गई है। इस स्कीम में आप अपनी बेटी की पढाई और शादी के लिए निवेश कर सकते हैं।
इस स्कीम में सरकार द्वारा 8.2 फीसदी का ब्याज ऑफर करती है। इस योजना में 14 साल तक निवेश करना होता है और मैच्योरिटी टेन्योर 21 साल का होता है।
नेशनल पेंशन सिस्टम
रिटायरमेंट के बाद भी इनकम जारी रखने के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System-NPS) काफी पॉपुलर ऑप्शन है। इसमें रिटायरमेंट के बाद भी पेंशन के जरिये इनकम जारी रहें इस लक्ष्य से निवेश किया जाता है। सरकार एनपीएस में 9.37 फीसदी से 9.6 फीसदी तक का ब्याज और टैक्स बेनिफिट का लाभ देती है।
इसमें हर फाइनेंशियल ईयर में कम से कम 500 रुपये का निवेश करना होता है।
निवेश नहीं किया तो क्या होगा
अगर एक वित्त वर्ष में निवेशक न्यूनतम राशि का निवेश नहीं करता है तो उसका अकाउंट फ्रीज हो जाएगा। इसका मतलब है कि योजना में मिल रहे सभी लाभ जैसे टैक्स बेनिफिट आदि नहीं मिलेंगे।
अकाउंट को दोबारा शुरू करने के लिए निवेशक को 50 रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से जुर्माना और न्यूनतम राशि का भुगतान करना होगा।