स्वाद ही नहीं, सेहत के गुणों से भी भरपूर है मुलिन चाय

यूरोप, अफ्रीका और एशिया में उगाई जाने वाली मुलीन चाय, एंटी-ऑक्सीडेंट्स और सूजन रोधी गुणों से युक्त एक बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक औषधी के रूप में जानी जाती है। यह मुख्य रूप से श्वांस प्रणाली से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए बहुत ही लाभदायक है। आइए जानें इसे पीने से क्या फायदे हो सकते हैं और इसे कैसे बना सकते हैं।

क्या है मुलीन चाय?
मुलीन चाय मुल्लेइन प्रजाति के पौधे की पत्तियों से बनी एक हर्बल चाय है। परंपरागत रूप से मुलीन चाय का उपयोग अस्थमा, सामान्य सर्दी-जुकाम, खांसी और अन्य श्वांस प्रणाली संबंधी समस्याओं और कई बैक्टीरियल संक्रमणों से राहत पाने के लिए किया जाता रहा है। यह सुगंध से भरपूर स्वास्थ्य वर्धक चाय है, जिसका रोजाना सेवन किया जा सकता है।

मुलिन चाय बनाने की विधि
डेढ़ कप पानी को उबलने के लिए गैस पर रखें।अब इसमें 1-3 चम्मच मुलीन की सूखी पत्तियां डालें और फिर इसे 15 मिनट तक उबालें। इसके बाद छन्नी से छानकर इसका मजा लें।

मुलीन चाय के फायदे
इसका उपयोग श्वसन संबंधी समस्याओं में किया जाता है। सर्दी, खांसी, गले में खराश, जलन, सूजन को कम करने, बलगम को साफ करने, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में किया जाता है।

श्वसन संबंधी समस्याओं में आराम
अस्थमा में राहत
मुलीन चाय सूजन को कम करता है, जिससे सांस लेने में आसानी होती है। इसके साथ ही, इसमें मौजूद फ्लेवोनॉयड्स अस्थमा से राहत दिलाता है।

खांसी ठीक करे
मुलीन चाय सूजन रोधी गुण से युक्त होती है, जो खांसी को जड़ से खत्म करती है।

बलगम
औषधीय गुणों से युक्त मुलीन चाय जमा बलगम को दूर करने में मदद करती है।

इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देता है
मुलीन चाय में मौजूद औषधीय गुण, हमारे शरीर में इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने का काम करता है। इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए इसका उपयोग प्राचीन समय से ही होता आ रहा है।

एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर
मुलीन चाय एंटीबैक्टीरियल गुणों से युक्त होती है, जो फेफड़े, कान और त्वचा के लिए काफ़ी लाभदायक होती हैं। इसके नियमित सेवन से स्किन संबंधीसमस्याएं भी दूर होती हैं।

स्लीप साइकल सुधारे
नींद की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए मुलीन चाय का उपयोग किया जाता रहा है। इसके सेवन से नींद अच्छी आती है।

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