राममंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना की तैयारियां तेज हो गई हैं। राममंदिर के भूतल में जहां बालक राम विराजमान हैं वहीं प्रथम तल पर राजा राम अपने भाईयों, माता सीता व परम भक्त हनुमान के साथ विराजित होंगे। सभी की अलग-अलग मूर्तियां बनेंगी। मूर्तियां किस पत्थर पर बनेंगी इसको लेकर मंथन शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि गर्भगृह में विराजित बालकराम श्याम वर्ण के हैं तो राजा राम की भी मूर्ति श्याम शिला पर ही निर्मित की जाएगी।
बालक राम की मूर्ति कर्नाटक से आई श्याम शिला पर गढ़ी गई थी। इसे प्रख्यात मूर्तिकार अरुण योगीराज ने गढ़ा था। अब राजाराम की मूर्ति के लिए श्याम शिला की तलाश तेज हो गई है। बताया गया कि ट्रस्ट की एक टीम ने चेन्नई व कर्नाटक का दौरा कर पत्थरों को देखा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कर्नाटक के ही श्याम शिला पर राजा राम व लक्ष्मण की मूर्ति निर्मित होगी। जबकि माता सीता चूंकि श्वेत रंग (गोरी) थीं इसलिए उनकी मूर्ति मकराना के पत्थर पर निर्मित की जाएगी। हनुमान जी, भरत व शत्रुघ्न की भी मूर्ति सफेद पत्थर पर बनेगी। राजा राम का दरबार दिसंबर के अंत तक तैयार हो जाएगा।
अरुण योगीराज कर सकते हैं निर्माण
ट्रस्ट के सूत्रों निर्माण भी मूर्तिकार अरुण योगीराज कर सकते हैं। राममंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा बताते हैं कि राम दरबार की स्थापना के लिए महापीठ यानी फाउंडेशन बनकर तैयार हो चुका है। राममंदिर के पुजारी यहां भी प्रतिदिन आरती-पूजना करते हैं। राम दरबार की मूर्ति किस रंग की होगी व किस पत्थर की बनेगी यह अभी तय नहीं है। अभी इसकी डिजाइन तैयार की जा रही है, जल्द ही इसका काम शुरू किया जाएगा।