रातों-रात दुनिया में बड़ा बदलाव हो गया है। पहले जहां माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी (World Most Valuable Company ) थी अब Nvidia बन गई है। जी हां, एम-कैप के मामले में सेमीकंडक्टर बनाने वाली Nvidia ने माइक्रोसॉफ्ट को पीछे छोड़ दिया है।
Nvidia के शेयर में आई तेजी
मंगलवार को निविडिया के शेयरों में तेजी आई। कंपनी के शेयर में लगभग 3 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है और एक स्टॉकी की कीमत 135.58 डॉलर पहुंच गई। वहीं माइक्रोसॉफ्ट के स्टॉक में हल्की गिरावट देखने को मिली और एक शेयर की कीमत 447.58 डॉलर हो गई।
स्टॉक में आई तेजी के बाद Nvidia का एम-कैप 3.335 ट्रिलियन डॉलर था। वहीं, माइक्रोसॉफ्ट का मार्केट कैपिटलाइजेशन 3.317 ट्रिलियन डॉलर है। इस साल की शुरुआत में Nvidia का मार्केट कैप 1.2 ट्रिलियन था जो उस समय माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल के एम-कैप का आधा था।
मंगलवार को Nvidia के शेयर में शानदार तेजी आई और कंपनी के एम-कैप में 103 बिलियन डॉलर जुड़ गए। करीब 9 महीने में कंपनी का एम-कैप 1 ट्रिलियन से बढ़कर 2 ट्रिलियन हो गया है। वहीं 3 महीने पहले कंपनी का एम-कैप 3 ट्रिलियन पहुंच गया था।
इस साल भी Nvidia थी नंबर-1 पर
इस महीने से पहले वर्ष 2002 में Nvidia का एम-कैप एप्पल से ज्यादा था। अब कुछ समय से वॉल स्ट्रीट पर Nvidia के शेयर में तूफानी तेजी देखने को मिली है और Nvidia के शेयर ने बाकी दो दिग्गज कंपनी यानी एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट को पीछे छोड़ दिया है।
एक साल Nvidia के शेयर में लगभग 209 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। वहीं माइक्रोसॉफ्ट के शेयर में 32 फीसदी का रिटर्न दिया है।
Microsoft और Apple किस पायदान पर
दुनिया की टॉप-10 वैल्यूएबल कंपनी की लिस्ट में माइक्रोसॉफ्ट दूसरे नंबर पर आता है। माइक्रोसॉफ्ट का एम-कैप 3.317 ट्रिलियन डॉलर है। आईफोन (iPhone) बनाने वाली कंपनी एप्पल इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर है। मंगलवार को एप्पल के शेयर (Apple shar) में 1.1 फीसदी की गिरावट आई जिसके बाद कंपनी का एम-कैप 3.285 ट्रिलियन डॉलर हो गया।
यह एक ऐसा टाइम है जब टेक्नॉलजी की दिग्गज कंपनियां जैसे माइक्रोसॉफ्ट, मेटा प्लेटफॉर्म (Meta Platform) और गूगल (Google) के मालिक अल्फाबेट (Alphabet) अपनी एआई कंप्यूटिंग कैपेबिलिटीज को विकसित करने और प्रौद्योगिकी पर हावी होने की होड़ में हैं। इस होड़ की वजह से कंपनी के स्टॉक में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं।