नई दिल्ली: प्रोफाइलिंग और बिहेवियर डिटेक्शन के आधार पर आईजीआई एयरपोर्ट पर तैनात सीआईएसएफ के जवानों ने टर्मिनल-3 के चेक-इन एरिया में एक यात्री को पूछताछ के लिये रोका। पूछताछ करने पर उसने अपनी पहचान रशविंदर सिंह सहोता बताई। उसकी उम्र लगभग 67 वर्ष थी। वह एयर कनाडा की उड़ान से रात 10:50 पर दिल्ली से कनाडा जा रहा था।
सीआईएसएफ के जवानों ने उसके पासपोर्ट की जांच करने पर पाया कि उसकी उम्र पासपोर्ट में दी गयी उम्र से काफी कम लग रही है। उसकी आवाज और स्किन भी जवान व्यक्ति जैसी थी और उसकी उम्र पासपोर्ट में दिए गए विवरण से मेल नहीं खा रही थी। गहनता से देखने पर पता चला की यात्री ने अपने बाल और दाढ़ी को सफेद रंग से रंगा हुआ था और बूढ़ा दिखने के लिए चश्मा भी पहना हुआ था।
इन संदेहों के आधार पर उसे गहन तलाशी के लिए डिपार्चर एरिया में जांच के लिए ले जाया गया। उसके मोबाइल की जांच के दौरान, एक अन्य पासपोर्ट की सॉफ्ट कॉपी मिली। जिसके अनुसार पासपोर्ट पर नाम गुरु सेवक सिंह, उम्र 24 वर्ष दर्ज थी। पूछताछ में फिर उस यात्री ने स्वीकार किया कि उसका असली नाम गुरु सेवक सिंह ही है और वह 24 वर्ष का है। वह 67 वर्षीय रशविंदर सिंह सहोता के नाम से जारी पासपोर्ट पर यात्रा कर रहा है।
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सीआईएसएफ के सहायक महानिरीक्षक और जनसंपर्क अधिकारी अपूर्व पांडे ने बताया की क्योंकि मामला जाली पासपोर्ट का निकला, इसलिए यात्री को उसके सामान के साथ हिरासत में लेकर कानूनी कार्रवाई के लिए आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस को सौंप दिया गया है। सीआईएसएफ कर्मियों की सतर्कता और सूझबूझ के कारण यात्री को पकड़ा जा सका और डॉक्यूमेंट के संभावित दुरुपयोग को रोका जा सका।