हरियाणा और महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी सपा और कांग्रेस की साझेदारी रहेगी। इस रणनीति के साथ दोनों दल आगे बढ़ रहे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से गठबंधन पर बात करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ही अधिकृत होंगे, ताकि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव जैसी तल्खी दुबारा पैदा न हो सके।
राहुल गांधी ने हाल ही में कहा था कि यूपी के दो लड़के हिंदुस्तान की राजनीति को मोहब्बत की दुकान बनाएंगे-खटाखट-खटाखट। इसे भी इस बात का स्पष्ट संकेत माना जा रहा है कि कांग्रेस अन्य राज्यों के चुनाव में सपा को साथ रखने की इच्छुक है। अखिलेश की पीडीए रणनीति यूपी के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुई है। इस पीडीए रणनीति का विस्तार अब अन्य राज्यों में भी करने की सोच के साथ आगे बढ़ा जा रहा है।
इस साल अक्तूबर में महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव होने हैं। अगले साल की शुरुआत में दिल्ली और उसके बाद अक्तूबर-नवंबर 2025 में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। सपा महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा सीटों के लिए अपना दावा कर रही है। महाराष्ट्र में पिछले चुनाव में उसके दो विधायक जीते थे। हरियाणा में भी करीब 20 सीटों पर मुस्लिम और यादव समीकरण प्रभावी है। सपा नेतृत्व चाहता है कि अन्य राज्यों में उसकी हिस्सेदारी बढ़े, ताकि उसे राज्य पार्टी से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सके।
मध्य प्रदेश के पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के एक बयान ने दोनों दलों के रिश्तों को काफी तल्ख कर दिया था। तब विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश ने कांग्रेस और भाजपा को एक ही थैली का चट्टा-बट्टा तक करार दिया था। हालांकि, लोकसभा चुनाव के दौरान इस तल्खी को दूर कर लिया गया। सूत्र बताते हैं कि वैसी स्थिति दुबारा पैदा न हो, इसके लिए तय हुआ है कि गठबंधन को आगे बढ़ाने के संबंध में अखिलेश यादव से बातचीत सिर्फ राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन करेंगे। इन तीनों नेताओं के बीच हुए निर्णयों को गठबंधन के लिहाज से फाइनल माना जाएगा।