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बनारस में सपाइयों ने EVM की गाड़ी पकड़ी, डीएम बोले- चुनाव में इस्तेमाल नहीं हुई थीं

समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बनारस में ईवीएम से भरी एक गाड़ी को पकड़ने का दावा किया है।पिकअप वैन को सपा के कार्यकर्ताओं ने घेर लिया है और पहड़िया मंडी के मुख्य द्वार को बंद कर विरोध प्रदशर्न कर रहे हैं। दूसरी तरफ, जिला प्रशासन ने कहा है, “ये चुनाव में इस्तेमाल हुईं ईवीएम नहीं हैं। जो EVM चुनाव में इस्तेमाल हुई थीं, वे सब स्ट्रॉन्ग रूम में CRPF के कब्जे में सील बंद हैं और उसमें CCTV की निगरानी है, जिसे सभी राजनीतिक दलों के लोग देख रहे हैं।” जिला निर्वाचन अधिकारी कौशल राज शर्मा और पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश मौके पर पहुंच गए हैं और प्रत्याशियों को बुला लिया है ताकि वे ईवीएम का मिलान करके पुष्टि कर सकें।

प्रशासन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रशिक्षण के लिए EVM मंडी में स्थित अलग खाद्य गोदाम में बने स्टोरेज से UP कॉलेज ले जाई जा रही थी, जिसे कुछ राजनीतिक लोगों ने रोक कर उसे चुनाव में प्रयुक्त EVM कहकर अफवाह फैलाई है। कल काउंटिंग ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की दूसरी ट्रेनिंग है और हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के लिए ये मशीन ट्रेनिंग में हमेशा प्रयुक्त होती हैं।

दूसरी तरफ, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने योगी सरकार और डीएम काउंटिंग से पहले बेइमानी की तैयारी का आरोप लगाकर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने कहा कि वहां ईवीएम लदीं तीन गाड़ियां कहीं भेजी जा रही थीं। हमारे लोगों ने एक गाड़ी पकड़ ली और दो गाड़ियां भाग गईं। अखिलेश ने सवाल किया कि इतनी फोर्स के बाद भी ऐसा कैसे हो रहा है। बिना सुरक्षा ईवीएम इधर से उधर कैसे जा रही है। गाइडलाइन बनी हुई है कि आपको ईवीएम मूव कराना है तो जो प्रत्याशी लड़ रहे हैं, उन्हें बताना होगा।

मामले पर डीएम का स्पष्टीकरण पर अखिलेश ने यहां तक कहा कि बनारस के डीएम बेइमानी करा रहे हैं। ईवीएम का मूवमेंट नहीं हो सकता है, फिर कैसे मूवमेंट हो रहा है। अखिलेश ने सवाल किया कि ओमप्रकाश राजभर जब नामांकन के लिए गए तो उनके साथ बनारस में क्या हुआ। प्रशासन ने आज तक क्या किया। हर जगह जनता को डराने की कोशिश की गई है। अखिलेश ने कहा कि आज जो सोनभद्र में बैलेट पेपर पकड़े गए हैं, वह मामला भी बड़ा है।

अखिलेश के साथ मौजूद ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि बनारस में प्रधानमंत्री अपनी इज्जत बचाने के लिए गली-गली में घूमे हैं। इसके बाद भी उन्हें अपनी जीत पर भरोसा नहीं है। बेइमानी की तैयारी हो रही है। चाहे खाली ईवीएम हो या कोई भी हो, उसे निकालना हो तो प्रत्याशियों को इसके बारे में पहले से बताना चाहिए। इसके बाद भी तीन गाड़ियां ईवीएम मशीनें कहां ले जाई जा रही थीं। दो गाड़ियां भाग गईं और एक गाड़ी को हमारे लोगों ने पकड़ लिया। हम लोगों ने उस गाड़ी के टायरों की हवा भी निकाल दी नहीं तो उसे भी लेकर भाग जाते।

डीएम का क्या है कहना

वहीं इस बारे में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा का कहना है कि ये सभी ईवीएम का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। सभी ईवीएम 10 मार्च को होने वाली मतगणना के लिए लगे कर्मियों को कल दी जाने वाले ट्रेनिंग के लिए यूपी कालेज भेजी रही थी। जब इसे रोककर बवाल किया गया।

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण हेतु ईवीएम मंडी में स्थित अलग खाद्य गोदाम में बने स्टोरेज से यूपी कॉलेज जा रही थी। उसे कुछ राजनीतिक लोगों ने रोककर उसे चुनाव में प्रयुक्त ईवीएम कहकर अफवाह फैलाई है। कल काउंटिंग ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की द्वितीय ट्रेनिंग है और हैंड्स ऑन ट्रेनिंग हेतु ये मशीन ट्रेनिंग में हमेशा प्रयुक्त होती हैं। जिलाधिकारी ने साफ़ किया कि जो EVM चुनाव में प्रयुक्त हुई थीं वे सब स्ट्रांग रूम में CRPF के कब्जे में सील बंद हैं और उसमें CCTV की निगरानी है। उसे सभी राजनीतिक दलों के लोग देख रहे हैं।

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