उत्तर प्रदेशलखनऊ

भाषायी ज्ञान को रोजगार से जोड़ने का प्रयास होना चाहिए : राज्यपाल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में मंगलवार को ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ का छठा दीक्षान्त समारोह सम्पन्न हुआ। समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। कहा कि भाषायी ज्ञान को रोजगार से जोड़ने का प्रयास होना चाहिए।

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने संस्थान के 83 विद्यार्थियों को 93 पदक प्रदान किए। इसमें विविध संकाय के विद्यार्थियों ने 39 स्वर्ण, 27 रजत, 27 कांस्य पदक प्राप्त किए। छात्रों ने 43 पदक तथा छात्राओं ने 40 पदक प्राप्त किए। राज्यपाल ने समारोह में माध्यमिक विद्यालय से आए 20 छात्रों को पठन-पाठन सामग्री की किट में एक बैग, पानी की बोतल, पेंसिल बॉक्स, महात्मा गांधी की पुस्तक “मेरे सत्य के प्रयोग” तथा फलों की टोकरी प्रदान कर उत्साहवर्धन किया।

भाषायी ज्ञान को रोजगार से जोड़ने पर चर्चा करते हुए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय भाषाओं के साथ-साथ भारतीय भाषाओं विशेषकर क्षेत्रीय बोलियों एवं भाषाओं पर आधारित अधिक से अधिक पाठ्यक्रम चलाने पर बल दिया। कहा कि जो विद्यार्थी पदक प्राप्त करने से वंचित रह गए वे अपनी क्षमताओं को कम न आंके क्योंकि कुछ नंबरों से आगे-पीछे हो जाना आपके आगामी जीवन में प्रभावी नहीं होगा। उन्होंने कहा भविष्य में जीवन की सफलता आप द्वारा प्राप्त किए गए ज्ञान और जीवन लक्ष्यों को लगन के साथ पूरा करने से प्राप्त होगी।

राज्यपाल ने कहा कि इस संस्थान का नाम देश के महान सूफी-संत ख्वाजा मुुईनुद्दीन चिश्ती से जुड़ा है, जिन्हें गरीब नवाज के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने कहा कि देश के ऐसे सूफी-संत को नमन करती हूँ, जिन्होंने प्रेम और सौहार्द का पैगाम दिया। उन्होंने भाषा विश्वविद्यालय में उर्दू, अरबी, फारसी, संस्कृत, अंग्रेजी, हिन्दी एवं फ्रेन्च भाषाओं को एलिमेन्ट्री विषय के रूप में पढ़ाये जाने कि पहल पर प्रसन्नता व्यक्त की। कहा कि इस भाषा विश्वविद्यालय से निकले वे पुराने छात्र जो आज कहीं न कहीं अच्छे-अच्छे उच्च पदों पर होंगे, उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने पूर्व शैक्षिक संस्थान की मदद करें, ताकि आने वाली पीढ़ी को अध्ययन करने का अवसर मिल सके।

राज्यपाल ने जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण, रक्तदान, प्लेटलेट दान, बालिकाओं को सर्वाइकल कैंसर का टीका लगवाने कि दिशा में शैक्षणिक संस्थानों के योगदान पर भी चर्चा की। समारोह में विशिष्ट अतिथि लोक गायिका एवं पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने विद्यार्थियों को आजीवन अध्ययन करते रहने को कहा। उन्होंने कहा कि ज्ञान प्राप्ति के लिए विनम्रता पहली आवश्यकता है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने समारोह में विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की और कहा कि विश्वविद्यालय का अंतिम दिन किसी विद्यार्थी के लिए जीवन की जंग में कूदने का पहला दिन भी होता है। दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के समस्त संकायों के शिक्षकगण, अधिकारीगण, कर्मचारीगण, छात्र-छात्राएं एवं माध्यमिक विद्यालय से आए बच्चे भी उपस्थित थे।

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