
- गंगा में गिरने वाले 76 नाले हुए टैप, 107 को टैप करने में जुटा नमामि गंगे विभाग
- नमामि गंगे विभाग ने केन्द्र सरकार को भेजा 32 नए एसटीपी का डीपीआर
- तेजी से चल रहा नदियों किनारे पौधरोपण करने और घाटों के निर्माण का कार्य
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कभी गंदगी की पर्याय रही गंगा नदी को प्रदूषित करने वाले स्थलों को सरकार सेल्फी प्वाइंट में बदल रही है। कानपुर में जहां कभी कोई गंदगी और बदबू के कारण आना पसंद नहीं करता था आज उन स्थानों पर लोग परिवार के साथ पहुंचकर फोटो खिंचा रहे हैं। कानपुर में ही जाजमऊ के पास फिर जलीय जीव वापस दिखाई देने लगे हैं। इनको देखने वालों की चहल-पहल बढ़ी है। बिजनौर से बलिया तक अविरल व निर्मल गंगा बनाने के लिए नदी में सीधे गिरने वाले नालों को टैप कराया जा रहा है। नए-नए एसटीपी निर्माण के लिए डीपीआर बन रहे हैं।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि नमामि गंगे परियोजना से गंगा किनारे पौधरोपण, घाटों और कुंडों का निर्माण हो रहा है। गंगा से जुड़ी सहायक नदियों को जीवंत करने के साथ जलीय जीवों को भी जीवन देने के प्रयास हो रहे हैं। सरकार की मंशा मां गंगा को उसकी पवित्रता वापस लौटाना है। नमामि गंगे विभाग इसको आकार देने में जुटा है।
प्रवक्ता ने बताया कि यूपी में गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिये जहां उसमें गिरने वाले 216 नालों में से 76 नालों को टैप किया गया है। वहीं 11 नाले पार्शली टैप किये गये हैं। 107 अनटैप्ड नालों को टैप करने का काम भी युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। गंगा को शुद्धता प्रदान करने के लिये प्रदेश में 3667.35 एमएलडी के 119 एसटीपी काम कर रहे हैं। 684.1 एमएलडी के 41 एसटीपी का निर्माण किया जा रहा है। 32 नए एसटीपी (1036.91 एमएलडी) के लिये तैयार डीपीआर केे प्रस्तावों को अनुमति के लिए केन्द्र सरकार को भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि नमामि गंगे परियोजना ने जहां कानपुर की खोई पहचान को लौटाया है। वहीं प्रयागराज में महाकुंभ 2025 से पहले गंगा में एक भी नाला न गिरे इसका भी लक्ष्य तय किया है। योजना से जहां कानपुर में 482.30 एमएलडी के आठ एसटीपी संचालित हैं। वहीं 30 एमएलडी के एक एसटीपी का निर्माण भी तेजी से हो रहा है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार प्रयागराज में नैनी, झूंसी और फाफामऊ में सीवर शोधन के लिये एसटीपी निर्माण के कार्य पूरे कराए जा रहे हैं। उनकी मॉनीटरिंग के साथ ही, सलोरी एसटीपी का सौंदर्यीकरण भी चल रहा है।