कासगंज। हाथरस में सत्संग भगदड़ हादसे के बाद बाबा भोले साकार विश्व हरि अपने वकील के साथ बुधवार को कासगंज आश्रम पहुंचे। भोले बाबा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दो जुलाई की घटना से मैं अत्यंत व्यथित हूं। परंतु यह भी सत्य है कि जो होना निश्चित है, उसे कोई नहीं टाल सकता। जो इस संसार में आया है उसे एक दिन जाना ही है।
उन्होंने आगे कहा कि उनके वकील डॉ. ए.पी. सिंह और अन्य प्रत्यक्षदर्शियों ने उन्हें घटना में जहरीले स्प्रे के प्रयोग की जानकारी दी है, जो इस बात का संकेत हैं कि यह एक षड्यंत्र हो सकता है।
साकार हरि उर्फ भोले बाबा आज अपने जन्मस्थान कासगंज के बहादुरनगर स्थित आश्रम में पहुंचे। यह जानकारी उनके वकील एपी सिंह ने दी। सुरक्षा कारणों से गांव में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आश्रम के बाहर सेवादारों द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
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1999 में स्थापित किया था यह आश्रम
साकार हरि ने 1999 में अपने पैतृक गांव बहादुर नगर में अपना पहला आश्रम स्थापित किया। यह आश्रम उनके आध्यात्मिक यात्रा का आरंभिक बिंदु बना। इसके बाद उन्होंने कई अन्य स्थानों पर भी आश्रम स्थापित किए। हालांकि, पिछले लगभग 15 वर्षों से वे अपने मूल आश्रम नहीं लौटे थे। इस लंबे अंतराल के बाद बुधवार को भोले बाबा अचानक अपने वकील के साथ इस आश्रम में पहुंचे। यह भी उल्लेखनीय के हादसे के बाद गांव बहादुरपुर में बाबा के भाई और परिजनों द्वारा उनकी कोई भी आर्थिक सहायता न करने का भी आरोप लगाया गया था।
गौरतलब है कि हाथरस के सिकंदराराऊ में दो जुलाई को एक बड़ा सत्संग समागम आयोजित हुआ था। इस कार्यक्रम के आयोजक भोले बाबा उर्फ विश्व साकार हरि बाबा थे। सत्संग में लाखों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया, जो अनुमति से बहुत ज्यादा थे। कार्यक्रम के समापन के समय अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें 121 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। इस गंभीर मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया है, जो वर्तमान में इस घटना की छानबीन कर रहा है। बताया जा रहा था कि घटना के बाद बाबा मैनपुरी जनपद के बिछुआ स्थित आश्रम पर पहुंचे थे, जहां वकील एपी सिंह द्वारा प्रेस में वक्तव्य देकर घटना के संबंध में बाबा की तरफ से दुख व्यक्त किया गया था।