वाराणसी: जिले में गंगा की लहरें एक बार फिर उफनने लगी है। बढ़ रहे जलस्तर के चलते घाटों का सम्पर्क मार्ग डूब गया है। घाटों का सम्पर्क मार्ग जल में समा जाने से स्थानीय लोग आने-जाने के लिए आसपास की गलियों का सहारा ले रहे हैं। गंगा में बढ़ाव से दशाश्वमेधघाट पर होने वाली गंगा आरती के स्थान को बदलना पड़ा।
केन्द्रीय जल आयोग आयोग के अनुसार शनिवार को गंगा का जलस्तर सुबह 08 बजे तक 63.95 मीटर दर्ज किया गया। जलस्तर में बढ़ाव का रूख बना हुआ है। लहरें तीन सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रही है। गंगा में चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर है। वाराणसी के अलावा जौनपुर, गाजीपुर बलिया में जलस्तर स्थिर है। फाफामउ में स्थिर, मिर्जापुर और प्रयागराज में बढ़ाव का रूख बना हुआ है।
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गंगा में बढ़ाव देख छोटी नावों को चलाने पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। बड़ी नावें संचालित करने वाले नाविकों को नियमों का पालन करने का निर्देश दिया गया है। जल पुलिस इसकी निगरानी में जुट गई है। जल पुलिस व एनडीआरएफ की चार टीमें गंगा में पीएसी के जवानों के साथ गश्त कर रही है। पहाड़ों पर बारिश और तेज हवाओं को देखते हुए टीम अतिरिक्त सर्तकता बरत रही है। घाट के उपरी स्थानों पर पंडे अपनी चौकियोंं को रखने की कवायद में जुटे हुए है। गंगा में बढ़ाव के रूख से सहायक नदी वरूणा के तटवर्ती क्षेत्र के लोग भी सतर्क है।