Flood warning in four districts of Himachal Pradesh, heavy rain alert till August 20
Flood warning in four districts of Himachal Pradesh, heavy rain alert till August 20

हिमाचल प्रदेश के चार जिलों में बाढ़ की चेतावनी, 20 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून की रफ्तार धीमी पड़ने के बावजूद खतरा अभी टला नहीं है। मौसम विभाग ने शुक्रवार सुबह से अगले 24 घंटों तक चार जिलों चंबा, कांगड़ा, शिमला और सिरमौर में अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) की चेतावनी देते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। विभाग की ओर से आगामी 20 अगस्त तक प्रदेश के मैदानी व मध्यपर्वतीय भागों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर शेष सभी 10 जिलों में भारी बारिश की आशंका जताई गई है। प्रशासन ने अलर्ट के मददेनजर लोगों व सैलानियों से अपील की है कि भूस्खलन संभावित इलाकों की यात्रा न करें और नदी-नालों से दूरी बनाए रखें। पिछले वीरवारशाम से शुक्रवार सुबह तक चम्बा के डल्हौजी में 62, कांगड़ा के पालमपुर में 56, सोलन के कण्डाघाट में 56 और घमरूर में 35 मिमी वर्षा रिकार्ड हुई है।

इस बीच राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश भागों में आज बादल छाए हुए हैं। बीते वीरवार से बारिश में आई कमी के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि पिछले दिनों हुई भारी वर्षा के बाद अभी भी कई सड़कें यातायात के लिए अवरूद्ध हैं और बिजली व पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं बाधित होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार शुक्रवार सुबह तक भूस्खलन से प्रदेश भर में एक नेशनल हाईवे व 116 सड़कें अवरूद्व हैं। शिमला में सर्वाधिक 68, मंडी में 14, कुल्लू में 13, कांगड़ा में 12, सिरमौर में चार, किन्नौर में तीन और चंबा व बिलासपुर में एक-एक सड़क बंद है। भूस्खलन से सिरमौर में नेशनल हाईवे 707 भी ठप पड़ा है। इसके अलावा राज्य के विभिन्न हिस्सों में 21 बिजली ट्रांसफार्मर व 11 पेयजल परियोजनाएं भी बाधित हुई हैं।

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बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन की 74 घटनाएं

प्रदेश में मानसून भारी तबाही मचा चुका है। मानसून के 27 जून को दस्तक देन के बाद अब तक बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन की 74 घटनाएं सामने आई हैं। इनमें 46 जगह बादल फटने और बाढ़ आने से नुकसान हुआ, वहीं 28 जगह भूस्खलन से कहर बरपाया। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार बादल फटने व बाढ़ से 31 लोग मारे गए और 32 लापता हैं। इसके अलावा 149 मवेशी भी मारे गए। भूस्खलन से तीन लोगों की मौत हुई जबकि पांच चोटिल हुए। बाढ़ ने तबाही मचाते हुए 83 घरों, 17 दुकानों व 23 पशुशालाओं का ध्वस्त किया। मानसून से प्रदेश में अब तक 1008 करोड़ का नुकसान हुआ है। लोकनिर्माण विभाग को सबसे ज्यादा 470 करोड़ का नुकसान पहुंचा है वहीं जलशक्ति विभाग को 446 करोड़ की क्षति आंकी गई है।

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