
चंद्रमा पर मौजूद शिव शक्ति प्वाइंट पर जल्दी सुबह होने वाली है। जोकि अगले 14-15 दिनों तक रहेगी। जानकारी के अनुसार 22 सितंबर को इसरो वैज्ञानिक फिर से विक्रम लैंडर से संपर्क साधने का प्रयास करेंगे। तब तक लैंडर के अंदर लगी बैटरी चार्ज हो जाएगी। बीते दिनों लैंडर को 4 सितंबर को बंद कर दिया गया था।
सिर्फ रिसीवर ऑन छोड़ा गया था, ताकि वह बेंगलुरु से कमांड लेकर फिर से काम कर सके। बता दें लैंडर और रोवर में सोलर पैनल लगे हुए है। जोकि सूरज की ऊर्जा से चार्ज होते है और लैंडर व रोवर को एनर्जी देते है।
आपको यह भी जानना जरूरी है कि लैंडर और रोवर का 14-15 दिन के लिए दोबारा काम करना भी आसान नहीं होने वाला है। क्योंकि 250 से नीचे का तापमान बर्दाश्त करने के बाद फिर से एक्टिव होना आसान नहीं होता।
चंद्रमा पर 14-15 दिन रात और इतने ही दिन सुबह होती है। चंद्रमा अपनी धुरी पर घूमते हुए धरती का चक्कर लगाता रहता है। इसलिए उसका एक हिस्सा सूरज के सामने आता है, तो दूसरा पीछे चला जाता है। इसलिए हर 14-15 दिन पर सूरज की आकृति भी बदलती रहती है।