भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर, मांडविया, भूपेंद्र यादव पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे
नई दिल्ली : राज्यसभा के तीन बार सदस्य रहे केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शनिवार को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए केरल के तिरुवनंतपुरम से अपना उम्मीदवार बनाया. युवावस्था में ही भाजपा से सक्रियता से जुड़े केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया पहली बार लोकसभा चुनाव में उतरेंगे. वह दो बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो चुके हैं. पार्टी ने इस बार उन्हें गुजरात की पोरबंदर सीट से उतारा है.
वहीं दो दशकों से अधिक समय तक पार्टी पदाधिकारी के रूप में कार्य करने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता भूपेन्द्र यादव पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. यादव राजस्थान के अलवर से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. राज्यसभा के लिए दोबारा नामांकित नहीं किए गए मंत्रियों में से एक, चंद्रशेखर ने हाल में कहा था कि वह अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उत्सुक हैं. उनका राज्यसभा का मौजूदा कार्यकाल दो अप्रैल को समाप्त होगा.
चन्द्रशेखर (59) की संसदीय यात्रा 2006 में शुरू हुई थी. वह मई 2006 में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्यसभा के लिए चुने गए. वह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में भी काम कर चुके हैं. अपने संसदीय करियर में, चंद्रशेखर वित्त पर प्रमुख स्थायी समिति, लोक लेखा समिति (पीएसी), डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 पर संयुक्त समिति और शिक्षा और आईटी पर सलाहकार समिति के सदस्य रहे हैं.
‘हरित सांसद’ के नाम से मशहूर 51 वर्षीय मांडविया साइकिल से संसद आने के कारण सुर्खियों में रहे. कोविड-19 महामारी जब अपने चरम पर थी तो प्रधानमंत्री मोदी ने 2021 के मध्य में उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय का जिम्मा सौंपकर उन पर भरोसा जताया था. उन्होंने हर्षवर्धन के बाद यह मंत्रालय संभाला था. गुजरात के भावनगर जिले में छोटे से गांव में जन्में मांडविया युवावस्था में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए थे. वह 2002 में गुजरात विधानसभा में सबसे युवा विधायक बने थे. मांडविया पशुओं के चिकित्सक हैं और उन्होंने गुजरात इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट एंड रिसर्च, अहमदाबाद से दर्शनशास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री भी ली.
मांडविया केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार में 2016 में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री बने और उसके बाद से वह कई मंत्रालय का जिम्मा संभाल चुके हैं. राजनीति में यादव की यात्रा एक छात्र संघ नेता के रूप में शुरू हुई थी. वह 2000 से 2009 तक अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के महासचिव बने थे. भाजपा में राष्ट्रीय सचिव और राष्ट्रीय महासचिव सहित विभिन्न पदों पर रहने वाले 54 वर्षीय यादव अपनी रणनीतिक कौशल के लिए जाने जाते हैं.
यादव ने अपने गृह राज्य राजस्थान सहित 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. मध्य प्रदेश के चुनाव प्रभारी के रूप में, उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किया कि भाजपा इस प्रमुख हिंदी भाषी राज्य में सत्ता पर बनी रहे. वह कम से कम 25 संसदीय समितियों के अध्यक्ष/सदस्य रहे हैं.