“राज्यपाल ने पंजाब के शांतिप्रिय लोगों को धमकाया”: सीएम मान ने पत्र को लेकर राज्यपाल पुरोहित पर निशाना साधा

पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित द्वारा उन्हें पत्र लिखकर संभावित राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की चेतावनी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को कहा कि राज्यपाल ने राज्य के “शांतिप्रिय लोगों को धमकी दी है” और कानून एवं व्यवस्था पूर्ण नियंत्रण में है।
यहां मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री मान ने कहा कि राज्यपाल को भेजे गये अधिकतर पत्रों का जवाब दे दिया गया है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “कल राज्यपाल ने पंजाब के शांतिप्रिय लोगों को धमकी दी कि वह राष्ट्रपति शासन लगा देंगे। राज्यपाल ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। जब से हमारी सरकार आई है, बहुत सारे काम हुए हैं। अकेले अगस्त महीने में , 41 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई…अब तक 753 गैंगस्टरों को गिरफ्तार किया गया है और 786 हथियार और वाहन जब्त किए गए हैं। कानून व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है।”
मान ने पूछा कि क्या बनवारीलाल पुरोहित ने केंद्र से ग्रामीण विकास निधि जारी करने के संबंध में राज्य की मांगों पर एक पत्र लिखा था।
मान ने कहा.”राज्यपाल ने मुझे 16 पत्र लिखे, जिनमें से नौ पत्रों का उत्तर दिया गया है। जल्द ही बाकी पत्रों का भी उत्तर दिया जाएगा। इतनी जल्दी क्या है? क्या राज्यपाल ने कभी आरडीएफ (ग्रामीण विकास निधि) के बारे में कोई पत्र लिखा था” पंजाब? क्या उन्होंने कभी किसानों के मुद्दे पर कुछ पूछा? गवर्नर साहब, क्या आप कभी पंजाब के साथ खड़े हुए हैं?”
मान ने कहा, “सभी पत्रों में सत्ता की भूख झलकती है। राज्यपाल नागपुर से आते हैं, लेकिन वह राजस्थान के भी हैं। वहां चुनाव आ रहे हैं, वहां से चुनाव लड़ें और मुख्यमंत्री बनें।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए काम कर रही है और एसडीआरएफ फंड जारी करने में कठिनाई के बारे में बात की।
भगवंत मान ने कहा,”पंजाब इस समय बाढ़ की मार झेल रहा है। हमें एक-एक करके इसके नुकसान की भरपाई करनी होगी। हमारे पास एसडीआरएफ के 9600 करोड़ रुपये पड़े हैं। लेकिन केंद्र के सख्त नियमों के कारण हम इसे लोगों को नहीं दे सकते।”
बनवारीलाल पुरोहित ने पहले मुख्यमंत्री को कड़े शब्दों में एक पत्र भेजा था, जिसमें उन्हें चेतावनी दी गई थी कि अगर उनके पत्रों का जवाब नहीं दिया गया तो वह राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं और आपराधिक कार्यवाही भी शुरू कर सकते हैं।
पुरोहित ने मान को लिखे अपने पत्र में कहा था, ”मुझे यह बताते हुए दुख हो रहा है कि यह मानने का कारण है कि राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो गया है।”
पुरोहित ने पंजाब के मुख्यमंत्री से संविधान के अनुच्छेद 356 और भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के तहत यह “अंतिम निर्णय” लेने से पहले कार्रवाई करने को कहा था।