विधानसभा चुनाव जीतने के बावजूद लोकसभा सांसद बने रह सकते हैं अखिलेश और आजम! शिवपाल को मिल सकती है विपक्ष नेता की कमान
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 125 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं इस बार चुनाव में पार्टी के दो लोकसभा सांसद भी विधानसभा का चुनाव जीते हैं. इसमें एक अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव जीते हैं वहीं पार्टी के रामपुर से लोकसभा सांसद आजम खान भी रामपुर सीट से चुनाव जीते हैं. लिहाजा चर्चा है कि ये दोनों ही नेता लोकसभा सांसद बने रह सकते हैं और जीती गई विधानसभा की सीट से इस्तीफा दे सकते हैं. राज्य में चर्चा है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को नेता विपक्ष की कमान सौंप सकते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में संपन्न हुए चुनावों में करहल विधानसभा सीट से जीतने वाले एसपी प्रमुख अखिलेश यादव और रामपुर सीट से जीतने वाले सपा नेता आजम खान के लोकसभा सदस्य बने रह सकते हैं. क्योंकि लोकसभा चुनाव में अभी समय है. देश में अगले आम चुनाव 2024 में होने हैं. वहीं ये दोनों ही नेता विधानसभा का चुनाव जीतने में कामयाब रहे. आजम खान ने जेल में रहकर ही चुनाव लड़ा और वह रामपुर सीट से चुनाव जीतने में कामयाब रहे. वहीं अखिलेश यादव आजमगढ़ से सांसद हैं और उन्होंने मैनपुरी जिले की करहल सीट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की. अखिलेश यादव ने बीजेपी के सांसद और अपने प्रतिद्वंदी एसपीएस बघेल को चुनाव में मात दी है.
राज्य में फिर होंगे इन दो सीटों पर उपचुनाव
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके सहयोगी 125 सीटों के आंकड़े तक ही पहुंच सके हैं और राज्य में सरकार बनाने के लिए 202 सीटें चाहिए. अगर एसपी प्रमुख अखिलेश यादव और आजम खान विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देते हैं तो इन दोनों सीटों पर उपचुनाव होंगे. अखिलेश यादव आजमगढ़ और आजम खान रामपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य हैं. गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के लोकसभा में केवल पांच सदस्य हैं. लिहाजा कहा जा रहा है कि अगर दोनों ही नेता लोकसभा से इस्तीफा देते हैं तो लोकसभा में पार्टी कमजोर होगी.
शिवपाल सिंह को बनाया जा सकता है नेता प्रतिपक्ष
फिलहाल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अखिलेश यादव अपने चाचा और जसवंतनगर से विधायक शिवपाल सिंह यादव को विधानसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त कर सकते हैं. शिवपाल सिंह की पार्टी पीएसपी ने एसपी के साथ चुनाव में गठबंधन किया था और वह एसपी के सिंबल पर ही चुनाव लड़े थे और जीतने में कामयाब रहे. वहीं शिवपाल और अखिलेश यादव में रिश्ते भी नरम हुए हैं. जिसके बाद माना जा रहा है कि सदन में शिवपाल सिंह यादव को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है.