
लखनऊ। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र संघ ने साल- 2023 को मिलेट वर्ष घोषित किया है और इस कारण से इन दिनों मोटे अनाज के सेवन की चर्चा फिर होने लगी है। इधर कई पाटियों में मोटे अनाजों का भोजन परोसा भी गया है। वैसे तो हमारे देश में मोटे अनाज खाने का प्रचलन पुराने समय से ही रहा है, क्योंकि ये अनाज स्वास्थ्य के लिए होते ही बहुत फायदेमंद है।
बातचीत में आयुर्वेद चिकित्सक डाॅ. बी.पी. सिंह बताया कि मोटे अनाजों में फाईबर बहुत होता है, जो पेट के लिए काफी फायदा करता है। इसको खाने से पेट साफ रहता है। उन्होंने बताया कि पेट का खराब होना ही सारी बीमारियों की जड़ हैं । पेट के साफ होने से काफी बीमारियों से बचा सकता है और स्वस्थ्य जीवन जी सकते है।
डाॅ. सिंह ने बताया कि जंक फूड खाने से वह आंतों में चिपक जाता है, जो पेट के लिए बहुत नुकसानदाक है। आजकल लोग जंक फूड खाना बहुत पसंद किया जाता है, लेकिन इसकों खाने से बचना चाहिए। उन्होंने बताया कि अब आने वाले मौसम में कफ को प्रकोप बढ़ेगा, तो उस समय जौ का सेवन लाभकारी रहेगा। ग्रीष्म ऋतु में चने और जौं सत्तु फायदा करेगा। बाजरा भी ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसी कारण से गर्मियों में सत्तु खाने की पुरानी परम्परा है, इससे शरीर ठंडा बना रहता है और लू से बचाव भी होता है।
डाॅ. सिंह बताते हैं कि इसी कारण से होली के बाद पड़ने वाली शीतला अष्टमी पर सत्तू खाने की परम्परा है। उनदिनों बाजार में सत्तू मिलता भी खूब है। हालांकि उन्होने एक बात जरूर बताई कि लोगों को कफ, पित्त और वात की प्रकृति के अनुसार ही अनाज की मात्रा लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि बरसात के मौसम में मक्का खाने से फायदा मिलता है। जाड़े के मोसम में कोंदो खान लाभकारी होता है।