उत्तर प्रदेशराज्यरामपुर

पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित उस्ताद राशिद हुसैन खां के निधन से संगीत घराने में शोक

रामपुर। रामपुर-सहसवान घराने के चश्मो-चिराग पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित उस्ताद राशिद हुसैन खां का 55 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे। पिछले करीब दस दिन से कोलकाता के पियरलेस अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे उनका रक्तचाप बढ़ा और मंगलवार को ब्रेन हेमरेज होने से उनकी मौत हो गई। उनका अंतिम संसकार 10 जनवरी को होगा।

शहर के जच्चा-बच्चा सेंटर स्थित प्रसिद्ध गजल गायक उस्ताद सखावत हुसैन खां के चाचा पद्मश्री और पद्मविभूषण से सम्मानित उस्ताद राशिद हुसैन खां का रिश्ता रामपुर-सहसवान घराने से है। सखावत हुसैन खां बताते हैं कि राशिद हुसैन खां जब भी खानकाहे नियाजिया बरेली आते थे तो रामपुर जरूर रुकते थे। उन्होंने बताया वर्ष 2006 में उस्ताद राशिद हुसैन खां को भारत सरकार द्वारा पद्म श्री और वर्ष 2022 में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

सखावत हुसैन खां ने बताया कि उस्ताद राशिद हुसैन खां ने हिन्दू परिवार की लड़की शोभा से शादी की थी और उनके एक लड़का और एक लड़की है। उस्ताद कैंसर से पीड़ित थे और उन्हें 22 नवंबर को कोलकाता के पियरलेस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उनका रक्तचाप बढ़ गया। दस दिन पहले उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया नौ जनवरी को उनका ब्रेन हेमरेज हो जाने के कारण इंतकाल (निधन) हो गया। जिसके चलते संगीत घराने में शोक की लहर दौड़ गई है। 10 जनवरी को कोलकाता के कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्दे-ए-खाक किया जाएगा। रामपुर से उनके रिश्तेदार कोलकाता के लिए रवाना हो गए हैं।

उस्ताद निसार हुसैन खां के शागिर्द थे राशिद हुसैन खां

पद्मश्री एवं पद्म विभूषण से सम्मानित उस्ताद राशिद हुसैन खां उस्ताद निसार हुसैन खां के शार्गिद थे। उस्ताद निसार हुसैन खां प्रसिद्ध गजल गायक सखावत हुसैन खां के वालिद (पिता) इसहाक हुसैन खां के भाई थे। इसके अलावा उस्ताद सखावत हुसैन खां रिश्ते में उस्ताद राशिद हुसैन खां के भतीजे हैं।

राशिद हुसैन खां ने जब वी मेट के अलावा माई नेम इज खान, मौसम, शादी में जरूर आना और हेट स्टोरी-2 में अपनी आवाज का जादू बिखेरा है। उनका गीत आओग कम ओ तुम साजना- फूल खिले काफी हिट हुआ था। उन्होंने इसके अलावा कई फिल्मों के हिट गाने गाए हैं। उनके निधन से संगीत के क्षेत्र में जो कमी आई है उसको पूरा नहीं किया जा सकता।– उस्ताद सखावत हुसैन खां, प्रसिद्ध गजल गायक

पद्म श्री और पद्म विभूषण से सम्मानित उस्ताद राशिद हुसैन खां का बीवी (पत्नी ) से करीबी रिश्ता था। उन्होंने वर्ष 2020 में बदायूं में अपना घर बनाया था वहां भी उनसे मुलाकात हुई। पत्नी और बच्चे कोलकाता जा रहा हैं। संगीत के क्षेत्र में उनकी कमी को पूरा नहीं किया जा सकता। मरहूम बहुत मिलनसार और संगीत के जादूगर थे। उनकी कला का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोलता था।– ताहिर फराज, विश्व प्रसिद्ध शायर

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