मथुरा: चुनावी सामग्रियां लेकर अपने-अपने बूथों के लिए पोलिंग पार्टियां हुई रवाना

कल 26 अप्रैल को सुबह सात से शाम छह बजे तक 1103 मतदान केंद्रों के 2128 बूथों पर मतदान होगा। शासन ने 10 हजार सुरक्षा जवानों को शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए मथुरा भेजा है। मथुरा का 75 फीसदी मतदान लक्ष्य रखा गया है।

जिले में 1929549 मतदाता हैं। इनमें में 1032370 पुरुष, 897114 महिला और 65 थर्ड जेंडर हैं। सबसे ज्यादा मतदाता मथुरा विधानसभा क्षेत्र में 4,71,938 हैं और सबसे कम मतदाता गोवर्धन में 3,42,502 हैं। 15 प्रत्याशी इस बार लोकसभा चुनाव के मैदान में हैं, जिनमें से 12 निर्दलीय हैं। भाजपा-रालोद गठबंधन से हेमामालिनी, बसपा से सुरेश सिंह और कांग्रेस-सपा गठबंधन से मुकेश धनगर मैदान में हैं।

निष्पक्ष व भयमुक्त चुनाव के लिए यह किए इंतजाम
निष्पक्ष व भयमुक्त चुनाव कराने के लिए 1103 मतदान केंद्रों के 2128 बूथों पर 10 हजार जवान तैनात किए गए हैं। क्रिटिकल बूथ पर एक-तीन और वल्नरेबल बूथ पर एक-सात के मानक से फोर्स तैनात होगा। अतिरिक्त पुलिस बल को रिजर्व में रखा गया है, जो किसी भी विवाद पर स्थिति को संभालने के लिए तैयार रहेगा। मोबाइल टीमें भी लगातार गश्त पर रहेंगी।

जिले में चुनाव गतिविधियों पर निगरानी के लिए 45 एफएसटी, 45 एसएसटी, 05 लेखा टीम, 05 वीडियो निगरानी टीम, 05 वीडियो अवलोकन टीम तथा 05 सहायक व्यय प्रेक्षक नियुक्त हैं। जिले को 35 जोन एवं 224 सेक्टरों में बांटा गया है। सेक्टर, जोनल और स्टेटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। गैर जनपद से 2660 पुलिसकर्मी, 2880 होमगार्ड आए हैं। इसके अलावा 31 कंपनी पैरा मिलिट्री फोर्स आया है।

विधानसभा मतदेय स्थल मतदान केंद्र
छाता 396 189
मांट 413 02
गोवर्धन 390 207
मथुरा 484 117
बलदेव 445 288

मथुरा के सभी 2128 बूथों पर वीवीपैट मशीनें रहेंगी उपलब्ध
मथुरा के सभी 2128 बूथों पर वीवीपैट मशीनें उपलब्ध रहेंगी। शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराने की दिशा में निर्वाचन आयोग ने यह फैसला लिया है। वीआईपी सीट होने के चलते मथुरा लोकसभा के चुनाव पर देशभर की निगाहें टिकी हैं। इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जब मथुरा लोकसभा के सभी केंद्रों पर वीवीपैट मशीनें लगाई जाएंगी।

मतदाता के ईवीएम का बटन दबाने के बाद बगल में रखी वीवीपैट मशीन में मतदाता के वोट की एक पर्ची प्रिंट होकर आएगी। ये सुनिश्चित करेगी कि मतदाता ने जिसको वोट दिया है वो असल में उसी को गया है। मतदान के बाद पर्ची वीवीपैट में मौजूद सीलबंद बॉक्स में गिर जाएगी। मतगणना में किसी भी विवाद की स्थिति में आयोग इन वीवीपैट पर्चियों की भी गिनती करा सकता है।

अधिक मतदान वाले बूथों पर रहेगी सख्त निगरानी
लोकसभा क्षेत्र में ऐसे बूथ भी हैं जहां वोटों की बरसात होती है। लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव इन बूथों पर जमकर मतदान होता है। इन बूथों पर जिला प्रशासन ही नहीं निर्वाचन कार्यालय भी निगाह बनाए हुए हैं। इनमें छाता में दो, मांट में दो, बलदेव में दो बूथ हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के आंकड़ों के अनुसार यहां 85 फीसदी से अधिक वोटिंग हुई थी। इन केंद्रों पर वीडियोग्राफी कराई जाएगी। स्टेटिक मजिस्ट्रेट तैनात रहेंगे। अतिरिक्त पुलिस बल को भी मुस्तैद किया गया है।

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